UN General Assembly के सत्र में कोविड-19 से लड़ाई पर नहीं हुई ज्यादा चर्चा

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौजूदा सत्र के शुरुआती चार दिनों में युद्ध, जलवायु परिवर्तन और परमाणु हथियारों के खतरे पर तीखी बहसों के बीच कोरोना वायरस महामारी से निपटने के मुद्दे पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई. सत्र में शामिल ज्यादातर सदस्यों ने मास्क नहीं लगा रखा था. और जिन सदस्यों ने मास्क लगा रखा था, उनके मास्क अधिकतर समय ठुड्डी के नीचे रहते थे.

सत्र में लगभग सभी विश्व नेताओं ने अपने संबोधन में कोविड-19 महामारी का जिक्र शिकायतों की एक लंबी फेहरिस्त के अंत में ही किया. हालांकि, महासभा के वार्षिक सत्र से इतर हुई बैठकों में महामारी अब भी बातचीत का मुख्य हिस्सा थी. बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल और अन्य लोगों के साथ कोरोना रोधी टीकों, जांच सुविधा और उपचार तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के मुद्दे पर चर्चा की.

अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है:
इससे एक दिन पहले, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड कोविड-19 के खिलाफ जंग में मिली प्रगति के संबंध में वैश्विक नेताओं की बैठक में शामिल हुई थीं. उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने दुनिया के 116 देशों को कोविड-19 रोधी टीकों की 62 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई हैं, लेकिन महामारी से लड़ाई की दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.

अमीर और गरीब देशों में अब भी बड़ा अंतर:
वहीं, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने बृहस्पतिवार को हुई बैठक में कहा था कि महामारी की दस्तक के बाद से अब दुनियाभर में मृतकों की संख्या सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है और विश्व की दो-तिहाई आबादी का टीकाकरण किया जा चुका है, लेकिन एक तथ्य यह भी है कि टीकाकरण दर के मामले में अमीर और गरीब देशों में अब भी बड़ा अंतर है.

गौरतलब है कि निम्न आय वाले देशों में रह रहे महज 19 फीसदी लोगों का पूर्ण टीकाकरण किया जा चुका है, जबकि उच्च आय वाले मुल्कों की लगभग 75 फीसदी आबादी को टीके की सभी प्रारंभिक खुराक लगाई जा चुकी हैं.

नए टीके विकसित करना जरूरी है:
संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस ने कहा कि इन अंतर को पाटने के लिए टीकाकरण के खिलाफ दुष्प्रचार रोकना, उसे लेकर लोगों की हिचक दूर करना, टीका का उत्पादन-वितरण बढ़ाना और वायरस के नए स्वरूपों की पहचान कर नए टीके विकसित करना जरूरी है. आइए, हम सब साथ मिलकर ऐसा करें. आइए, हम इस महामारी को हमेशा के लिए खत्म कर दें. सोर्स-भाषा