जयपुर: प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर लापरवाह अभियंताओं की अब खैर नहीं होगी. बिजली आपूर्ति में व्यवधान, ट्रिपिंग समेत अन्य समस्याओं को लेकर मिल रहे फीडबैक पर सीएम अशोक गहलोत की नाराजगी के बाद डिस्कॉम प्रशासन हरकत में आया है. जयपुर डिस्कॉम प्रशासन ने निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरिंग पर विशेष फोकस दिया है. जिसके तहत अब रोजाना जनप्रतिनिधियों से आपूर्ति को लेकर फीडबैक लिया जाएगा. आखिर क्यों दिखाई गई सख्ती और जनता को कैसे मिलेगा इसका फायदा.
सीएम अशोक गहलोत बिजली आपूर्ति को लेकर अत्यन्त गंभीर है. पिछले दिनों सीएम गहलोत ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली थी, जिसमें उन्होंने सप्लाई को लेकर आ रही शिकायतों पर नाराजगी जाहिर की. साथ ही डिस्कॉम अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि आपूर्ति व्यवस्था की क्रॉस मॉनिटरिंग के लिए मैकेनिज्म डवलप किया जाए. इस आदेश के क्रियान्वयन में डिस्कॉम प्रशासन ने सभी फील्ड अभियंताओं को निर्देश दिए है कि वे जनप्रतिनिधियों से न सिर्फ रोजाना फीडबैक ले, बल्कि इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय को देंगे.
बिजली उपभोक्ताओं की सेवाओं के प्रति सीएम संवेदनशील
प्रदेशभर से मिल रहे फीडबैक के आधार पर बिजली कम्पनियों को निर्देश
निर्देशों को लेकर राजस्थान डिस्कॉम अध्यक्ष भास्कर ए सावंत ने जारी की SOP
तीनों डिस्कॉम प्रशासन के लिए व्यवस्थाओं में सुधार की SOP
SOP के तहत डिस्कॉम प्रशासन करता है किसी भी तरह की कटौती
तो प्रभावित बिजली उपभोक्ताओं को पूर्व में देनी होगी कटौती की सूचना
इसके अलावा उपभोक्ताओं के फोन उठाने के लिए अभियंताओं को किया पाबंद
किसी भी अभियंता की आएगी फोन नहीं उठाने की शिकायत तो कार्रवाई के निर्देश
बिजली दफ्तर से लेकर MD ऑफिस तक रोज होगी जनसुनवाई
फील्ड से आ रही शिकायतों को देखते हुए डिस्कॉम प्रशासन सख्त
सीएम रिव्यू मीटिंग में मिले निर्देशों की पालना में जारी SOP
डिस्कॉम चेयरमैन भास्कर ए सावंत ने फील्ड अधिकारियों को दिए निर्देश
XEN से लेकर एमडी स्तर के अधिकारियों को दिए गए निर्देश
अधिकारियों को रोजाना शाम चार से पांच बजे तक जनसुनवाई के निर्देश
सावंत ने कहा-'कोशिश की जाए कि इस समय में ना हो शिड्यूल बैठक'
'और ना ही अभियंता फील्ड विजिट का बनाए कोई एडवांस प्लान'
'यदि ऐसा हो तो किसी सहायक को जनसुनवाई का देकर जाए जिम्मा'
हालांकि, एमडी स्तर पर तो अभी भी होती है जनसुनवाई
डिस्कॉम प्रशासन ने भले की आपूर्ति समेत अन्य व्यवस्थाओं में सुधार के लिए एसओपी जारी कर दी हो, लेकिन देखना ये होगा कि इस आदेश की पालना में प्रति अभियंता कितनी गंभीरता दिखाते है.