जयपुर: भाजपा के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश माथुर ने फर्स्ट इंडिया न्यूज की खात बातचीत में कहा कि पार्टी में सभी फैसले सामूहिक नेतृत्व के जरिये होते हैं. उन्होंने कहा कि पसंद नापसंद होती होंगी लेकिन फैसले सामूहिक नेतृत्व से होते हैं. वहीं इस दौरान उन्होंने पार्टी के नए अध्यक्ष की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की 9 साल की जनकल्याण की योजनाओं का प्रचार करें. उन्हीं के पोस्टर बैनर्स लगाए जाएं राज्य की कांग्रेस सरकार से तुलना करके. मैंने भी एमपी में दिग्विजय सिंह के सामने अटल जी की योजनाओं को लेकर चुनाव जीता था.
उन्होंने कहा कि सीपी जोशी ने पहले संबोधन में कार्यकर्ताओं को दिशा दी है. आम मतदाता तक प्रधानमंत्री की योजनाओं को पहुंचाना बहुत अच्छी बात होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है. जो कि सतत चलने वाला प्रोग्राम है. हमारे यहां पर अध्यक्ष बदलता है अन्य का आना पुराना जाना इसको कोई अलग दृष्टि से नहीं देखता. अब तक कितने अध्यक्ष आ गए कितने अध्यक्ष चले गए हैं. हमारी पार्टी संगठन और कार्यकर्ता बेस पार्टी है. युवा चेहरे को और नए चेहरे को मौका दिया गया है. प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं कि यह युवाओं का देश है. युवाओं के देश के नाते युवा को राजस्थान जैसे बड़े प्रदेश का दायित्व दिया गया है.
ऐसे में हम स्वस्थ मन से सब को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे. मैं सतीश पूनिया के भी पदभार ग्रहण समारोह में पूरी ताकत से उपस्थित था. पार्टी आगे जो भी निर्णय लेगी मैं साथ रहूंगा. पार्टी मेरी मां है जिसने मुझे सबके साथ रहना सिखाया है. वहीं माथुर ने आगामी संगठनात्मक बदलावों को लेकर कहा कि हर एक के मन में अपेक्षा जगी कि संरचनात्मक परिवर्तन भी होंगे. मोर्चा में परिवर्तन भी होंगे जो एक रूटीन प्रक्रिया है. राजनीतिक क्षेत्र का कार्यकर्ता अपेक्षा रखता है. दायित्व जिसके पास होता है तो पार्टी का कार्यकर्ता साथ में आते हैं.
चुनाव आने वाला है चुनाव समिति भी बनेगी:
माथुर ने कहा कि गुलाब कटारिया के जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हुआ है. चुनाव आने वाला है चुनाव समिति भी बनेगी. चुनाव समिति के साथ चुनाव प्रबंधन समिति भी बनेगी जिसमें कई तरीके के विभाग होंगे. हो सकता है कि कोर टीम की भी रचना हो. हालांकि यह प्रश्न प्रभारी और सह प्रभारी से जुड़ा प्रश्न है. चुनाव प्रबंधन समिति जरूरी होती है सब मिलकर के चुनाव लड़ते हैं एक व्यक्ति पार्टी नहीं चलाता है. भविष्य को लेकर बोले सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड सभी चीजें तय करता है. फडणवीस या मनोहर लाल खट्टर सीएम बन जाएंगे किसी ने कल्पना नहीं की थी. गुजरात में पहली बार के विधायक भी सीएम बने. कार्यकर्ता इच्छा जरूर रख सकता है लेकिन फैसला सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड करता है.