जयपुर: प्रदेश में संगठित साइबर समर्थित वित्तीय अपराधों के बुनियादी ढांचों से मुकाबला कर उन्हें ध्वस्त करने के लिए राजस्थान पुलिस ने आज से "ऑपरेशन साइबर शील्ड" नाम से एक विशेष अभियान शुरू किया गया है.
DGP राजस्थान पुलिस के लिए चुनौती बन चुके साइबर क्राइम को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. बीते कुछ महीनों में पुलिस ने प्रदेश भर में प्रभावी कार्रवाई भी की हैं. अब DGP उत्कल रंजन साहू के निर्देशन में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने, साइबर प्रकरणों एवं परिवादों के निस्तारण एवं राज्य के नागरिकों को साइबर सुरक्षा और साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से राज्य मे आज से 31 जनवरी तक यह विशेष साइबर अभियान "साइबर शील्ड" शुरू किया गया है.
महानिदेशक पुलिस साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों के आपराधिक ग्राफ को दृष्टिगत रखते हुए एक महीने तक चलने वाले इस विशेष साइबर अभियान के दौरान 7 बिंदु निर्धारित किए गए हैं, जिस पर पूरे माह लगातार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि अभियान की सफलता के लिए समस्त पुलिस रेंज व जिलों के उच्च अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं पत्राचार के माध्यम से जारी किए जा चुके हैं. एक महीने तक चलने वाले अभियान की मॉनिटरिंग ख़ुद DGP करेंगे.
पुलिस मुख्यालय की कोशिश है कि एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में साइबर क्राईम से जुड़े अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. मेवात और भरतपुर इलाके के लिए ख़ास तौर से SP को निर्देश दिए गए हैं.
--- इन सात बिंदुओं पर करेगी पुलिस एक महीने कार्रवाई ---
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल व 1930 की शिकायतों व परिवादों का निस्तारण करना
- संदिग्ध सिम व आईएमईआई नम्बरों की पहचान कर ब्लॉकिंग की कार्यवाही
- साइबर अपराधों के हॉट स्पॉट क्षेत्रों को चिन्हित कर कार्यवाही करना
- साइबर अपराध में वांछित अभियुक्तों, स्टैण्डिंग वारंटों, उद्घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी
- गुमशुदा व चोरी हुए मोबाइल हैड़सेटों की बरामदगी कर पीड़ितों को लौटाने की कार्यवाही
- साइबर जागरूकता के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष अभियान
- साइबर अपराधियों का डेटाबेस तैयार करना