Maharashtra: राहुल गांधी के पोस्टर के मामले में विपक्ष ने किया सदन से बहिर्गमन

मुंबई: महाराष्ट्र में विपक्ष के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक पोस्टर पर चप्पलें मारने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया.

अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि उन्हें विधायिका और सदन में सदस्यों के आचरण के लिए दिशानिर्देश तैयार करते समय विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे को विश्वास में लेने की आवश्यकता है. नार्वेकर ने विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि वे प्रश्न काल को आगे बढ़ने दें. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के अशोक चव्हाण ने इस मामले को उठाया. विपक्ष के नेता अजित पवार, कांग्रेस के विधायक बालासाहेब थोराट तथा कई और सदस्यों ने उनका समर्थन किया.

पोस्टर पर कथित तौर पर चप्पलें मारी थीं
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायकों ने हिंदुत्व विचारक वी. डी. सावरकर को लेकर की गई राहुल गांधी की कथित टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधानमंडल परिसर में उनके पोस्टर पर कथित तौर पर चप्पलें मारी थीं. थोराट ने गांधी के पोस्टर पर चप्पलें मारने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि आपको याद रखना चाहिए कि यह आपके कार्यकाल में हुआ है और आपके निर्णय का विधानमंडल की कार्यवाही पर एक दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. थोराट ने कहा कि वह अध्यक्ष से निष्पक्ष रहने की उम्मीद करते हैं.

पट्टे पहनना विधायी नियमों के अनुसार नहीं:
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य जयंत पाटिल ने अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करने और ऊपरी सदन की उपसभापति से परामर्श करने के बाद अपना फैसला सुनाने के लिए कहा. जब नार्वेकर ने विपक्ष से कहा कि सदन में काले पट्टे पहनना विधायी नियमों के अनुसार नहीं हैं, तो पाटिल ने कहा कि यह उनके विरोध का संकेत है. उन्होंने कहा कि वे विरोध में बहिर्गमन कर रहे हैं.

विधायिका के एक विशेष सत्र की मांग की: 
महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों ने राहुल गांधी के पोस्टर को कथित तौर पर चप्प्ल मारने वाले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिवसेना के विधायकों को निलंबित किए जाने की मांग करते हुए शुक्रवार को भी हंगामा किया था. इससे पहले मौजूदा बजट सत्र के अंतिम दिन शनिवार को अशोक चव्हाण ने कहा कि मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम की 75 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के प्रस्ताव पर कार्यमंत्रणा समिति द्वारा चर्चा किए जाने के बावजूद इस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी. कांग्रेस के नाना पटोल ने इसके लिए विधायिका के एक विशेष सत्र की मांग की. सोर्स-भाषा