VIDEO: अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के तहत आयोजन, CM अशोक गहलोत रहे मुख्य अतिथि, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के तहत जयपुर में राजस्थान मिलेट कॉन्क्लेव 2023 का आयोजन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि रहे. गहलोत ने कॉन्क्लेव में अपने सम्बोधन में कृषि क्षेत्र में लगातार नई रिसर्च किए जाने की जरूरत बताई. उन्होंने किसानों को सम्मानित किया, साथ ही मिलेट उत्पादों से जुड़ी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान मिलेट कॉन्क्लेव के बाद मीडिया से बातचीत में देश में सामाजिक सुरक्षा कानून लाए जाने की वकालत की. गहलोत ने कहा कि हम अलग-अलग श्रेणियों में 1 करोड़ लोगों को पेंशन दे रहे हैं. राजस्थान में बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांग और अन्य श्रेणियों में पेंशन दी जा रही है. देश में हर परिवार को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए. राइट टू सोशल सिक्योरिटी का कानून केंद्र सरकार को लाना चाहिए. यह हमारा धर्म है और कर्तव्य भी. इसलिए मैंने विधानसभा में भी आवाज उठाई है कि सभी को एक समान पेंशन मिलनी चाहिए. हम पेंशन के रूप में 12 हजार करोड़ जबकि केंद्र केवल 300 करोड़ दे रहा है. भारत सरकार की हिस्सेदारी आधी होनी चाहिए. मिलेट कॉन्क्लेव का आयोजन दुर्गापुरा स्थित कृषि प्रबंध संस्थान में किया जा रहा है. दो दिवसीय कॉन्क्लेव का सीएम अशोक गहलोत ने उद्घाटन किया. इस दौरान कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, किसान आयोग अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला, एग्रो इंडस्ट्रीज बोर्ड अध्यक्ष रामेश्वर डूडी, बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा मौजूद रहे. समारोह में सीएम गहलोत ने कहा कि कभी हमें गेहूं के लिए अमेरिका से भीख मांगनी पड़ती थी, लेकिन हरित क्रांति और बांध बनाने से आज हम गेहूं में आत्मनिर्भर बन गए हैं.

सीएम गहलोत बोले कि बाजरा पर MSP इसलिए नहीं मिल पाती, क्योंकि ये जल्दी खराब हो जाता है. आज कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा जरूरत रिसर्च की है. पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय ICAR आदि संस्थान बने. यानी हमारे पास रिसर्च का इन्फ्रास्ट्रक्चर है. राज्य में भी 5 कृषि विश्वविद्यालय, 49 कृषि कॉलेज खोले गए हैं. 7 कृषि कॉलेज तो इसी साल बजट में घोषित किए गए हैं. कृषि के लिए देने को मैं हमेशा तैयार हूं. अब खेती के प्रति युवाओं का भी आकर्षण बढ़ा है. 

कार्यक्रम में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि आज दुनिया में ज्वार, बाजरा की चर्चा हो रही, यह हमारे लिए गौरव का विषय है. गेहूं का उत्पादन 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है, जबकि बाजरा 11 क्विंटल प्रति हैक्टेयर ही पैदा होता है, इसलिए कहीं न कहीं उत्पादन बढ़ाए जाने की जरूरत है. बाजरा की उत्पादन क्षमता कैसे बढ़े, ये वैज्ञानिकों को सोचना होगा. अभी बाजरा की कीमत 2500 रुपए तक पहुंची है, मुझे उम्मीद है आने वाले समय में इसकी कीमत 5000 रुपए प्रति क्विंटल तक होगी. 

कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा कि 2019 में राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण नीति घोषित की थी. पिछले 3-4 साल में नीति का फायदा उठाकर करीब 1000 यूनिट लग चुकी हैं. किसानों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने को सब्सिडी 50 से बढ़ाकर 75 फीसदी की गई है. 

कार्यक्रम में मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने 12वें कृषि मिशन के जरिए युवाओं को जोड़ने की बात कही. केन्द्र सरकार की संयुक्त सचिव शुभा ठाकुर ने मिलेट ईयर मनाए जाने के बारे में चर्चा की. कृषि विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने इस कॉन्क्लेव के बाद मिलेट्स के उत्पादन बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार द्वारा एक्शन प्लान बनाए जाने की बात कही. कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज किसान सुविधा मोबाइल एप का भी लोकार्पण किया. इससे किसान घर बैठे मोबाइल से कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी ले सकेंगे. साथ ही अनुदान पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. 'कृषि प्रसंस्करण में राजस्थान के बढ़ते कदम' पुस्तक का भी विमोचन किया. समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने 5 किसानों को राज्य स्तरीय पुरस्कार दिए. इसके बाद मिलेट उत्पादों के प्रति जागरुकता बढ़ाने वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. प्रदशनी में करीब 120 स्टॉल लगाई गई हैं, जहां ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकू आदि से बने खाद्य पदार्थ प्रदर्शित किए गए हैं और नए स्टार्टअप के बारे में जानकारी दी गई है. समापन समारोह मंगलवार को होगा, जिसके मुख्य अतिथि कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा होंगे.