मंगलुरु: कर्नाटक के उडुपी जिले के मणिपाल स्थित कस्तूरबा अस्पताल (केएमसी) में ‘ब्रेन डेड’ घोषित की जा चुकी 44 वर्षीय एक महिला के परिवार द्वारा उसके अंग दान की इच्छा जाहिर किए जाने के बाद, महिला के पांच अंग प्रतिरोपण के लिए निकाले गए हैं.
मरीज का दिमाग काम करना बंद कर देता है:
महिला का जिगर (लीवर) बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में और एक गुर्दा (किडनी) मंगलुरु के एक अस्पताल में भर्ती जरूरतमंद मरीजों के लिए भेजे गए हैं. केएमसी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अविनाश शेट्टी ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि कस्तूरबा अस्पताल द्वारा पंजीकृत रोगियों के लिए एक गुर्दा, कॉर्निया और त्वचा रखी गई है. ज्ञात हो कि मस्तिष्क में खून या ऑक्सीजन की आपूर्ति ना हो पाने से मरीज का दिमाग काम करना बंद कर देता है. इस स्थिति को ‘ब्रेन डेड’ कहा जाता है.
चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि उडुपी जिले के ब्यंदूर तालुक के उपुंडा की निवासी शिल्पा माधव (44 वर्ष) 25 फरवरी को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थीं. पीड़िता को उसी दिन इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था. डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद शिल्पा में ठीक होने के कोई संकेत नहीं दिखे. डॉक्टरों के एक पैनल ने 26 फरवरी को उन्हें ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया था.
अंग दान करने की इच्छा व्यक्त की थी:
शिल्पा के पति प्रसन्ना कुमार और उनके परिवार के सदस्यों ने उनके अंग दान करने की इच्छा व्यक्त की थी. शेट्टी ने कहा कि राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के प्रोटोकॉल के अनुसार, औपचारिकताएं पूरी कर शिल्पा के अंग निकाले गए तथा उडुपी और दक्षिण कन्नड़ पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जरूरतमंद मरीजों के लिए अस्पतालों में भेजे गए. सोर्स-भाषा