जयपुर: प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अटैच अस्पतालों में अब मरीजों को रेफरेंस के लिए इधर-उधर चक्कर नहीं लगने होंगे. IMHS पोर्टल के जरिए ऑनलाइन ही चिकित्सक दूसरे विभाग के चिकित्सक को परामर्श के लिए रेफरेंस भेजेंगे. परामर्श मांगने और देने वाले चिकित्सकों की ही जिम्मेदारी होगी कि इस कवायद में मरीज के इलाज में किसी भी तरह की देरी नही हो. फर्स्ट इंडिया न्यूज़ की खबर पर एक्शन लेते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को यह व्यवस्था अगले 72 घंटे में लागू करने के निर्देश दिए हैं.
चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद आज अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह आज SMS अस्पताल पंहुची ACS शुभ्रा सिंह ने अस्पताल में सभी प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ली और निर्देश दिए कि अस्पताल की सेवाओं को मरीज फ्रेंडली बनाया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पताल की व्यवस्थाएं रोगी केंद्रित हो . यह ध्यान रखा जाए कि मरीज और उनके परिजनों को जांच, दवा, उपचार सहित अन्य सुविधाओं को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पडे़. उन्होंने अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं में तकनीक का उपयोग कर ऑटोमेशन मोड में लाया जाए. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि रोगियों और उनके परिजनों को रेफरेंस के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल आना पड़ता है. आमतौर इसके लिए उन्हें अस्पताल के विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इससे न केवल उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि उपचार में भी देरी होती है. उन्होंने रेफरेंस सुविधा को आगामी तीन दिन में ऑनलाइन करने के निर्देश दिए.
मरीजों की दवा की पर्ची पर नहीं "NA" की मुहर
SMS अस्पताल की विजिट पर आई एसीएस शुभ्रा सिंह
ACS शुभ्रा सिंह ने ली सभी प्रशासनिक चिकित्सकों की बैठक
बैठक में शुभ्रा सिंह ने कहा कि मरीजों को जो दवा लिख गई है
वो सभी दवाएं उन्हें अस्पताल के काउंटर पर मिलनी चाहिए
इसके लिए अस्पतालों के स्टोर को चाहिए कि वे स्टॉक का ध्यान रखें
मरीज की दवा की पर्ची पर "NOT AVAILABLE" का नहीं लगे ठप्पा
इसके लिए दवा के दूसरे ऑप्शन स्टॉक में रखने के ACS ने दिए निर्देश
फर्स्ट इंडिया ने अपने रियलिटी चैक में प्रमुखता से उठाया था ये मुद्दा
अस्पताल में "मरीज" होना चाहिए पहली प्राथमिकता !
चिकित्सकों के सामने एसीएस ने साझा किए अपने अनुभव
SMS अस्पताल की विजिट पर आई एसीएस शुभ्रा सिंह
ACS शुभ्रा सिंह ने ली सभी प्रशासनिक चिकित्सकों की बैठक
बैठक में ACS ने अस्पताल में बिताए खुद के अनुभव बताए
उन्होंने कहा कि वे अस्पताल में पेशेंट-अटेंडेंट के रूप में रही है
उपचार में काफी भागदौड की है,ये जीवन का कटू अनुभव रहा है
उन्होंने माना की एसएमएस में मरीजों की संख्या एक बड़ी चुनौती है
लेकिन हम सबको ये सोचना चाहिए कि चाहे कुछ भी किया जाए
अस्पताल जो दूरदराज से मरीज आते है,उन्हें कम से कम दिक्कतें हो
बैठक में ACS ने बिलिंग सिस्टम को भी जल्द ऑनलाइन करने और बार कोड लगाए जाने के निर्देश दिए, ताकि रोगी और उनके परिजनों को अस्पताल के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने की परेशानी से मुक्ति मिले. एसीएस ने अस्पताल परिसर में सुरक्षा और मॉनिटरिंग की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाए के निर्देश भी दिए.
अस्पताल में "मरीज" होना चाहिए पहली प्राथमिकता !
चिकित्सकों के सामने एसीएस ने साझा किए अपने अनुभव
SMS अस्पताल की विजिट पर आई एसीएस शुभ्रा सिंह
ACS शुभ्रा सिंह ने ली सभी प्रशासनिक चिकित्सकों की बैठक
बैठक में ACS ने अस्पताल में बिताए खुद के अनुभव बताए
उन्होंने कहा कि वे अस्पताल में पेशेंट-अटेंडेंट के रूप में रही है
उपचार में काफी भागदौड की है,ये जीवन का कटू अनुभव रहा है
उन्होंने माना की एसएमएस में मरीजों की संख्या एक बड़ी चुनौती है
लेकिन हम सबको ये सोचना चाहिए कि चाहे कुछ भी किया जाए
अस्पताल जो दूरदराज से मरीज आते है,उन्हें कम से कम दिक्कतें हो
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी एक्टिव मोड़ में नजर आया. मरीज के रेफरेंस की व्यवस्थाओं को तत्काल प्रभाव से ऑनलाइन करने के लिए कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों की मैराथन बैठके हुई. ऐसे में उम्मीद यही है कि तय समय सीमा से पहले ही इस व्यवस्था को ट्रैक पर लाकर मरीजों की दिक्कतों को दूर करने के प्रयास जरूर होंगे.