भाजपा के ‘‘विचार परिवार’’ के लोग कांग्रेस में खप नहीं सकते , वे इस परिवार में लौट आते हैं- नरोत्तम मिश्रा

इंदौर: मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की वैचारिक पृष्ठभूमि को ‘‘काफी मजबूत’’ बताते हुए सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी की विचारधारा से जुड़े लोग कांग्रेस में खप नहीं सकते और वे आखिरकार भाजपा में लौट आते हैं. मिश्रा ने ऐसे वक्त यह बात कही, जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कैलाश जोशी के बेटे और तीन बार विधायक रहे दीपक जोशी के छह मई को भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं.

दीपक जोशी के अलावा सत्यनारायण सत्तन और भंवर सिंह शेखावत जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता भी पार्टी की मौजूदा रीति-नीति को लेकर खुलकर नाराजगी जता रहे हैं. इस बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘देखिए, ये हमारे विचार परिवार के लोग हैं. विचार परिवार का कोई व्यक्ति किसी बात पर क्षणिक आवेश में आता भी है, तो वापस लौटकर इस परिवार में ही आता है...क्योंकि इस परिवार के लोग कांग्रेस में खप नहीं सकते. मिश्रा ने कहा कि भाजपा की वैचारिक पृष्ठभूमि काफी मजबूत है. उन्होंने सरताज सिंह और रामकृष्ण कुसमरिया जैसे वरिष्ठ नेताओं की कांग्रेस से भाजपा में वापसी की मिसाल देते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में कुछ होता नहीं है, इसलिए ऐसे सब नेता भाजपा में लौट आते हैं. जबलपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस दफ्तर में तोड़-फोड़ को लेकर किए गए सवाल का राज्य के गृह मंत्री ने सीधा जवाब नहीं दिया. हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ करती है.

मिश्रा ने कहा कि किसी सुप्रीम कोर्ट ने नहीं कहा है कि बजरंग दल सांप्रदायिकता या दंगा फैलाता है, लेकिन आपने (कांग्रेस) बजरंग दल की तुलना उस पीएफआई से कर दी जिसके बारे में स्पष्ट है कि वह देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए दो मई को जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच ‘‘नफरत फैलाने वाले’’ बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ ‘‘कड़ी और निर्णायक कार्रवाई’’ करने को प्रतिबद्ध है. घोषणापत्र में कहा गया है कि इस कार्रवाई में ऐसे संगठनों के खिलाफ ‘‘प्रतिबंध’’ भी शामिल होगा. सोर्स- भाषा