नई दिल्लीः घेरलू गैस के दामों में कटौती के बाद आम जन की नजरे पेट्रोल-डीजल की ओर बनी हुई है. आम चुनाव के नजदीकिय़ों को देखते हुए जनता को सरकार से बड़ी उम्मीद है. कि जल्द ही सरकार द्वारा इसके दामों में कमीं की जायेगी. जिसको लेकर लंबे समय से सकारात्मक सकेंत भी मिल रहे थे लेकिन इसी बीच लोगों के लिए निराश करने वाली खबर सामने आ रही है. और लोगों के मनसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमतों ने यूटर्न ले लिया है जिसके चलते तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने की उम्मीद है. और आने वाले दिनों मे भारतीय बाजार में कीमतों में अधिक तेजी दर्ज की जा सकती है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के सस्ते होने की संभावना फिलहाल खत्म होती नजर आ रही है. ब्रेंट क्रूड के दाम 88.72 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा है. वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड 85.50 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है.
कच्चे तेल के उत्पादक रोक सकते है सप्लाईः
कच्चे तेल की सप्लाई करने वाले देश कटौती जारी रख सकते है. ऐसे में कीमतों में भारी उछाल की अंशका जताय़ी जा रही है. सऊदी अरब और रूस कच्चे तेल के उत्पादन को घटा सकते हैं. रूस ओपेक देशों के उत्पादन घटाने और एक्सपोर्ट में कमी करने को लेकर सहमत हो चुका है. जिसकी घोषणा इस हफ्ते किए जाने की उम्मीद है. यही वजह हे कि कच्चे तेल के दाम 9 महीने के हाई पर जा पहुंचा है.
पिछले हफ्ते मोदी सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती करने का फैसला कर आम लोगों को महंगाई से राहत देने की कोशिश की थी. और बढ़ती मंहगाई को जनता के बीच भरोसा जताया था जिसके बाद से ही लोग उम्मीद जता रहे थे कि जल्द ही सरकार तेल के दामों में भी कटौती करेगी. लेकिन इंटरनेशनल मार्केट में बढ़ते दामों के बाद उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.