नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद में हंगामे और व्यवधान के चलते देश का बहुत नुकसान होता है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से शीतकालीन सत्र को अधिक से अधिक सार्थक बनाने की दिशा में सामूहिक प्रयास करने का आग्रह किया.
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलना एक बहुत बड़ा अवसर है और यह समग्र रूप से भारत के सामर्थ्य को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का मौका भी है. प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह बहुत ही अनुकूल माहौल में हुई. उन्होंने उम्मीद जताई कि सत्र के दौरान इसका प्रतिबिंब देखने को मिलेगा. मोदी ने कहा कि सभी दलों के सांसद, खासकर युवा सांसद अक्सर उनसे मिलते हैं तो बताते हैं कि सदन में व्यवधान के कारण उनका बहुत नुकसान होता है.
सांसदों की वेदना को समझने का अनुरोध किया:
उन्होंने कहा कि ये युवा सांसद चाहते हैं कि वे लोकतंत्र के इस विश्वविद्यालय से सीखें. उन्होंने कहा कि जो विपक्ष के सांसद हैं, उनका भी यही कहना है कि उन्हें संसद में बोलने का अवसर नहीं मिलता है क्योंकि हंगामे के कारण सदन स्थगित हो जाता है. इसके कारण उनका बहुत नुकसान होता है. प्रधानमंत्री ने सभी दलों के नेताओं से ऐसे सांसदों की वेदना को समझने का अनुरोध किया.
देश को जी-20 की मेजबानी का अवसर मिला:
उन्होंने कहा कि देश के विकास में उनके (युवा सांसदों) सामर्थ्य को जोड़ने के लिए, उनके उत्साह व उमंग का लाभ देश को मिले. यह लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि मैं बहुत ही आग्रह के साथ सभी दलों से, सभी सांसदों से सत्र को अधिक सार्थक बनाने की दिशा में सामूहिक प्रयास करने का आग्रह करता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र ऐसे समय में आरंभ हो रहा है जब देश को जी-20 की मेजबानी का अवसर मिला है.
सामर्थ्य को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का अवसर:
उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय में जिस प्रकार से भारत का स्थान बना है, जिस प्रकार से भारत से अपेक्षाएं बढ़ी हैं और जिस प्रकार से भारत वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी बढ़ाता जा रहा है, ऐसे समय जी-20 की मेजबानी भारत को मिलना एक बहुत ही बड़ा अवसर है. उन्होंने कहा कि यह जी-20 सम्मेलन सिर्फ एक कूटनीतिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह समग्र रूप से भारत के सामर्थ्य को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का अवसर है. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और यहा बहुत सारी विविधताएं हैं.
इस सत्र में 17 बैठकें प्रस्तावित हैं:
उन्होंने कहा कि यह पूरे विश्व को भारत को जानने का एक बहुत बड़ा अवसर है और भारत को पूरे विश्व को अपने सामर्थ्य को दिखाने का भी एक बहुत बड़ा अवसर है. संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर को समाप्त होगा. इस सत्र में 17 बैठकें प्रस्तावित हैं. शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है लेकिन इस बार यह दिसंबर के पहले सप्ताह में आरंभ हुआ है. सोर्स-भाषा