नई दिल्ली: लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि पहले की सरकारों में घोटाले की खबर हेडलाइन होती थी. लेकिन हमारी सरकार ने कई लाख करोड़ की बचत कर सरकारी खजाने में भरे. इतना ही नहीं देश की जनता की सेवा में पैसों को लगाया गया है. न कि हमने अपने लिए शीशमहल तैयार किए. हमारे देश में एक पीएम थे जिन्होंने एक समस्या की पहचान की और कहा कि जब दिल्ली से एक रुपया भेजा जाता है तो गांव तक केवल 15 पैसे नीचे तक पहुंचते हैं.
15 पैसे किसे मिलते थे, यह हर कोई समझ सकता है. उस समय पंचायत स्तर से लेकर केंद्र स्तर तक केवल पार्टी थी. हमने इसका समाधान खोजने की कोशिश की और हमारा मॉडल है बचत भी विकास भी. पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2014 से पहले बम के ऐसे गोले फेंके गए. ऐसी गोलियां चलाई गई कि देशवासियों के सीने को छलनी-छलनी कर दिया. हमने इसको बदलने की कोशिश की है. आज हमने 12 लाख रुपए पर टैक्स से मुक्ति दे दी है. बीच के कालखंड में भी हमने किया. घाव भरते-भरते बैंडेज बाकी था वो भी हटा दिया है.
हमने LED बल्ब के लिए अभियान चलाया:
हमारे सत्ता में आने से पहले एलईडी बल्ब 400 रुपये में बेचे जाते थे. हमने ऐसे अभियान चलाए कि कीमतें 40 रुपये तक कम हो गईं. एलईडी बल्बों ने ऊर्जा संरक्षण में मदद की. इससे देश के लोगों के लगभग 20,000 करोड़ रुपये भी बचे. WHO का कहना है कि नल से शुद्ध जल मिलने के कारण उन परिवारों में औसतन 40 हजार प्रति परिवार बचा है. ऐसी अनेक योजनाएं हैं जिन्होंने सामान्य आदमी के खर्च में बचत की है. करोड़ों देशवासियों को मुफ्त अनाज से भी परिवार के हजारों रुपये बचते हैं. सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से भी परिवारों को साल के 25 से 30 हजार बचत हो रही गै. ज्यादा बिजली होने पर बेच कर कमाई कर रहे हैं. किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड की वजह से प्रति एकड़ 30 हजार की बचत हुई है. इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाकर मध्यम वर्ग की बचत भी बढ़ाने का काम किया है.
जनसामान्य को आयुष्मान योजना का फायदा मिल रहा है:
पीएम ने आगे कहा कि सरकारी खजाने में बचत हुई वो एक बात है. जनसामान्य को भी इसका लाभ मिल सके आयुष्मान योजना का जिन लोगों ने फायदा लिया है. उस कारण जो खर्चा जेब से करना पड़ता. वैसे 1 लाख 20 हाजार करोड़ बचे हैं. जन औषधि केंद्र खोले हैं जिन पर 80 फीसदी डिस्काउंट होता है. 30 हजार करोड़ दवाई का खर्चा बचा है. UNICEF का भी अनुमान है जिसके घर में स्वच्छता है. TOILET बना है, उस परिवार में 70 हाजर रुपए का फायदा होता है, आरके लक्ष्मण का एक कार्टून था जिसमें एक हवाई जहाज था जो ठेले पर था और लोग धक्का मार रहे थे. उस समय तो ये मजाक लगा, लेकिन आगे चलकर ये सिद्ध हो गया. ये कटाक्ष था उस वक्त के पीएम पर जो जमीनी हकीकत से अनभिज्ञ थे.
हमने युवाओं पर फोकस किया, युवाओं की आकांक्षाओं को बल दिया:
पीएम मोदी ने राजीव गांधी का जिक्र किए बिना कहा कि उस समय जिन्होंने 21वीं सदी की बात की थी वो 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाए थे. जो काम 40 से 50 साल पहले हो जाने चाहिए थे, हम वो करने में जुटे. हमने युवाओं पर फोकस किया, युवाओं की आकांक्षाओं को बल दिया. हमने न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर को ओपन कर दिया है. इसके दूरगामी सकारात्मक प्रभाव देश को देखने के लिए मिलने वाले हैं. AI 3D प्रिटिंग और वर्चुअल रियलिटी की चर्चा के बीच हम गेमिंग में भी प्रयास कर रहे है, मैं देख रहा हूं बहुत तेजी से हमारे लोग काम कर रहे हैं.
हमने स्कूलों के 10 हजार टिंकरिंग लैब शुरू की है:
जब AI की बात होती है तो कुछ लोग फैशन में बोलते हैं. लेकिन मेरे लिए ये डबल AI है. एक तो आर्टिफिशन इंटेलीजेंस और दूसरा एक्सप्रेशनल इंडिया. हमने स्कूलों के 10 हजार टिंकरिंग लैब शुरू की है. आज इन लैबों से निकले बच्चे रोबोटिक से लोगों से चकित कर रहे हैं. बजट में ऐसी 50 हजार टिंकरिंग लैब बनाने का ऐलान किया गया है. हम युवाओं को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं. कुछ दल युवाओं के साथ धोखा कर रहे हैं. ये दल चुनाव के समय वादा तो करते हैं, लेकिन पूरा नहीं करते. ये दल युवाओं के भविष्य पर आपदा बनकर गिरे हुए हैं. हम कैसे काम करते हैं? ये हरियाणा में अभी-अभी देश ने देखा है. हमने बिना खर्ची-बिना पर्ची नौकरी देने का वादा किया था. सरकार बनते ही नौजवानों को नौकरी मिल गई है. हम जो कहते हैं, हरियाणा में तीसरी बार भव्य विजय उसी का परिणाम है. महाराष्ट्र में भी हमें ऐतिहासिक नतीजे मिले और हमने यह सब लोगों के आशीर्वाद से किया.
हम वो लोग हैं जो संविधान को जीते हैं:
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम वो लोग हैं जो संविधान को जीते हैं. जब गुजरात के 50 साल हुए तो उस समय मैं सीएम था तो हमने निर्णय लिया कि गोल्डन जुबली ईयर में गवर्नर के भाषण हुए हैं. उन सभी को एक किताब के रूप में परिवर्तित किया जाए. और वो आज सभी लाइब्रेरी में उपलब्ध है. हम तो बीजेपी वाले थे गुजरात में ज्यादातर तो कांग्रेस की सरकार रही फिर भी हमने किया क्योंकि हम संविधान को जीना जानते हैं. 2014 में जब आए तो विपक्ष था ही नहीं. ये हमारा संविधान जीने का स्वभाव था कि हमने तय किया विपक्ष को मान्यता देंगे. अपने लिए तो सब करते हैं, दूसरों के लिए करने वाले चाहिए. जब सत्ता सेवा बन जाए तो राष्ट्र निर्माण होता है. हम संविधान की भावना को लेकर चलते हैं. हम जहर की राजनीति नहीं करते. सरदार वल्लभभाई पटेल का सबसे ऊंचा स्टैच्यू बनाते हैं. वो बीजेपी या जनसंघ के नहीं थे.
हमने ट्रिपल तलाक का खात्मा किया:
हमने ट्रिपल तलाक का खात्मा करके संविधान के मुताबिक मुस्लिम बेटियों को समानता से रहने का अधिकार दिया है. एनडीए की सरकार में एक विजन के तहत काम किया गया है. हमारी सोच कैसी है, हमारे लिए जो आखिरी है उसकी तरफ ज्यादा ध्यान है. अगर हम मंत्रालय की रचना करते हैं तो पूर्वोत्तर के लिए अलग मंत्रालय बनाते हैं. आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय एनडीए ने बनाया. दक्षिणी राज्य फिशरमैन से जुड़े हैं, उनका भी ध्यान रखना चाहिए. ये हमारी सरकार है इनके लिए भी अलग मंत्रालय बनाया. ये देश का दुर्भाग्य है कि आजकल लोग अर्बन नक्सल की भाषा बोल रहे हैं. वो देश और संविधान भावना को क्या समझेंगे. हमने आर्टिकल 370 की दीवार गिरा दी. जो देशवासियों को दूसरे जगह अधिकार है वो वहां के लोगों को भी मिल रहा.
दिल्ली में कुछ परिवारों ने अपने म्यूजियम बना रखे थे:
दिल्ली में कुछ परिवारों ने अपने म्यूजियम बना रखे थे. लेकिन हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री म्यूजियम बनाया है. हमारी सरकार संविधान को सर्वोपरि रखती है. कुछ लोगों के लिए जाति के बारे में बोलना फैशन है. पिछले 30 वर्षों से ओबीसी सांसद मांग कर रहे हैं कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए. आज जो लोग जातिवाद में लाभ देखते हैं, उन्होंने तब ओबीसी समुदाय के बारे में नहीं सोचा. हमने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया. एससी, एसटी और ओबीसी को हर क्षेत्र में अधिक अवसर मिलें - हमने इस दिशा में बहुत मजबूती से काम किया है. मैं इस सदन के माध्यम से नागरिकों से एक महत्वपूर्ण प्रश्न पूछता हूं - क्या कभी एससी समुदाय के एक ही परिवार से एक साथ 3 सांसद हुए हैं? मैं यह भी पूछता हूं कि मुझे बताएं कि क्या कभी एसटी समुदाय के एक ही परिवार से एक साथ 3 सांसद हुए हैं. उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है.
आयुष्मान कार्ड वालों को मुफ्त इलाज मिलता है:
हर समाज, हर वर्ग के लोगों को जो उसके हक का है वो उसे मिलना चाहिए. ये संतुष्टिकरण है. जो लोग तुष्टिकरण करते हैं वो नहीं समझ सकते. आज कैंसर डे है, कुछ लोग गरीब, बुजुर्गों को सेवा मिले उसमें अड़ंगे डाल रहे. आयुष्मान कार्ड वालों को मुफ्त इलाज मिलता है. लेकिन कुछ राजनीतिक दलों ने गरीबों के लिए अस्पताल के दरवाजे बंद कर दिए. वो भी सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए. इस बजट में भी कैंसर की दवाइयों की रकम कम करने के लिए कदम उठाया है. 2014 से पहले मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी. आज 780 मेडिकल कॉलेज हैं, अब सीटें भी बढ़ी हैं, 2014 से पहले देश में SC छात्रों की एमबीबीएस छात्रों की 7 हजार के आसपास थी. 10 साल हमने काम किया आज संख्या बढ़कर 70 हजार हो गई है. ST समाज की 3 हजार के आसपास थी जो अब बढ़कर 9 हजार हो गईं है.