जयपुर: चुनावी साल में बीजेपी ने राजस्थान पर नजरे गढ़ा दी है. सिरोही, मानगढ़ और आसींद के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौसा का दौरा होने वाला है. यहां राष्ट्रीय परियोजनाओं का आगाज करने के साथ ही जनसभा को संबोधित करेंगे, मीना हाईकोर्ट से संदेश देंगे. पीएम मोदी का दौरा 10 लोकसभा क्षेत्रों और तकरीबन 40 विधानसभाओं का प्रभावित करेगा. मोदी के दौरे से कांग्रेस ने ERCP का मसला बुलंद किया है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को भी इस क्षेत्र में जबरदस्त जन समर्थन मिला था, मीना हाईकोर्ट में ही यात्रा का कैंप लगा था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार राजस्थान के दौरे कर रहे हैं, उनके दौरों ने सत्ताधारी दल कांग्रेस की नींद उड़ा दी है. सिरोही उसके बाद गोविंद गुरु कि धरती मानगढ़ और फिर भगवान देवनारायण की जन्मस्थली आसींद के मालासेरी का प्रधानमंत्री का दौरा राजस्थान की राजनीति को उबाल में ले आया है. चुनावी साल है लिहाजा कांग्रेसी आंख मूंदकर भी नहीं बैठ सकते है. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोविंद गुरु की धरती मानगढ़ से मेवाड़ और वागड़ के आदिवासियों के बीच संदेश दिया था, फिर नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने भगवान देवनारायण की धरती आसींद के मालासेरी से राजस्थान के गुर्जर समाज के बीच संदेश देने का काम किया और अब 4 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी का दौसा की धरती पर आना प्रस्तावित है.
इस दौरे में नरेंद्र मोदी मीना हाईकोर्ट कहे जानी वाली जगह से पूर्वी राजस्थान के मीणा वर्ग के बीच संदेश देने का काम कर सकते हैं. उनके सभी दौरे सरकारी रहे है लेकिन उनके भाषणों से संदेश सामाजिक स्तर पर जा रहा है और स्थानीय बीजेपी को ऊर्जा प्राप्त हो रही. कांग्रेस ने दौसा के दौरे से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ईआरसीपी परियोजना को लेकर निशाना साधा है और मांग रखी है कि पीएम अपने दौरे में राजस्थान को ईआरसीएपी की सौगात देकर जाए जो वादा उन्होंने बीते लोकसभा चुनाव के वक्त राजस्थान की जनता से किया था उसे निभाए इससे 13 जिलों की लोगों की प्यास बुझेगी, ऐसा किया तो कांग्रेस भी स्वागत करेगी.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कुछ दिन पहले कहा था कि प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने रिवर इंटरलिंकिंग में शामिल कर लिया है. प्रोजेक्ट के तहत चंबल, पार्वती, कालीसिंध को आपस में जोड़ा जाएगा. शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार ने 50 फ़ीसदी डिपेंडेबिलिटी पर ईआरसीपी प्रोजेक्ट भेजा है. राज्य सरकार को इसमें बदलाव करके इसे 75 फ़ीसदी करना होगा तो ईआरसीपी 90 फीसदी केंद्र सरकार देगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस इस मुद्दे पर लोगों को भ्रमित कर रही है. उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व में दिए गए बयानों को लेकर कांग्रेस बीजेपी को घेर रही है.
---क्या है ERCP मसला---
- धौलपुर से लेकर झालावाड़ और दौसा तक फैले 13 जिलों को अक्सर अकाल और सूखे का सामना करना पड़ता है.
- लोगों के पेयजल का अभाव तो है ही साथ ही पानी की कमी ने भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जैसे जिलों की औद्योगिक समृद्धि को भी धूमिल कर रखा. मजबूरन यहां के लोग अन्य प्रदेशों में रोजगार के लिए पलायन कर रहे.
- जिस तरह आईएनजीपी ने श्रीगंगानगर से लेकर बीकानेर तक लोगों के जीवन को बदला वैसी ही उम्मीद पूर्वी राजस्थान और हाड़ौती के जिले कर रहे हैं.
- पूर्वी राजस्थान के जिले इसलिए खास क्यों कि यहां नदियां बरसाती है और अक्सर बेरूखी हो जाती है.
- 13 ज़िलों में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर शामिल हैं.
- राजस्थान की जनता की भावी केंद्रीय बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को मूर्तरूप देने की सबसे प्रबल मांग है.
- पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के शासन में शुरू हुई ये परियोजना दरअसल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पीने और सिंचाई के लिए पानी सुनिश्चित किया जा सकेगा.
- ERCP आने से प्रदेश में स्थायी जल स्रोतों में वृद्धि होने के साथ ही उद्योगों को बढ़त मिलने, निवेश और राजस्व बढ़ने की भी उम्मीद है.
- वहीं दिल्ली- मुबंई इंडस्ट्रियल कोरिडोर प्रोजेक्ट के तौर यहां इससे औद्योगिक विकास की बड़ी संभावना पैदा होगी.
- पीएम मोदी इस कॉरिडोर का आगाज करने ही दौसा जिले में आ रहे
---PM मोदी को पत्र लिख चुके सीएम गहलोत---
- गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की.
- गहलोत ने पत्र में लिखा है कि लगभग 37 हजार 247 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से राज्य के 13 जिलों में पेयजल तथा 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी. - ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) नवंबर 2017 में आवश्यक अनुमोदन के लिए केंद्रीय जल आयोग को भेजी जा.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने सर्वाधिक कमाल दौसा में किया था. दौसा में यात्रा के दौरान बड़ी तादाद में लोग जुटे थे, नांगल प्यारीवास में बने मीना हाईकोर्ट पर ही राहुल गांधी का कैंप लगा था. पीएम मोदी का दौरा राहुल यात्रा को काउंटर कर सकता है. कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनावों में पूर्वी राजस्थान के पांच जिलों में शानदार परफॉर्मेंस दी थी. बीते विधानसभा में कांग्रेस ने 23 सीटों पर फतह हासिल की थी, इनमें से कांग्रेस ने 19 सीटों पर एकतरफा जीत मिली.
ERCP पॉलिटिक्स के "केंद्र" भी ये पांच जिले:
केवल धौलपुर की सीट बीजेपी को मिली, अब यहां का विधायक भी कांग्रेस के साथ. एक सीट RLD और 2 निर्दलीय जीते. RLD और दोनों निर्दलीय भी कांग्रेस के साथ है. भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर पूर्वी राजस्थान में कहे जाते है. ERCP पॉलिटिक्स के "केंद्र" भी ये पांच जिले माने जाते है. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा को कांग्रेस का अपने समाज के बीच प्रभाव पता है. यही कारण है कि उनकी राय पर पीएम मोदी की मीना हाईकोर्ट पर बड़ी सभा की तैयारी है. उन्हें अंदाजा है कि दौसा में मोदी की रेली का प्रभाव जयपुर, अलवर और टोंक जिलों तक पड़ेगा और 10 लोकसभा सीटें प्रभावित होगी.
कांग्रेस की सरकार बनने में पूर्वी राजस्थान मददगार बना था:
गौरतलब है कि कांग्रेस की सरकार बनने में पूर्वी राजस्थान मददगार बना था, मोदी ने आसींद दौरे में गुर्जर समाज के बीच संदेश दिया था दौसा दौरे से मीना वर्ग सधेगा. ये वर्ग परंपरागत तौर पर कांग्रेसी कहा जाता है. बीते विधानसभा चुनावों में मीना और गुर्जर समाज के एक जाजम पर आने से कमल पूरी तरह यहां मुरझा गया था. मोदी का दौरा पूर्वी राजस्थान में कमल की पंखुड़ियो में नई जान पैदा कर सकता है.