बीकानेर: सूदखोरों, ब्याज माफियाओं पर नकेल के लिए बीकानेर पुलिस की ओर से एक सकारात्मक पहल की गई है. कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या करने के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस ने बीकानेर संभाग में अब 'परोपकाराय' अभियान चलाने का फैसला किया है. बीकानेर रेंज आईजीपी ओमप्रकाश पासवान ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि बीते 2 सालों में हुई 1306 आत्महत्याओं के मामलों का अध्ययन करने पर पाया कि अधिकत्तर मामलों में आत्महत्या की वजह कर्ज रही है. रेंज स्तर पर 'सुसाइड प्रिवेंशन रिसोर्स सेंटर' स्थापित किया जा रहा है, जहां 8 लोग सातों दिन चौबीसों घंटे जनता की सेवा के लिए कार्यरत रहेंगे. जहां कर्ज से परेशान कोई भी शख्स संपर्क में आएगा तो चिकित्सा विभाग, एनजीओ व धर्मार्थ संस्थाओं का सहयोग लेकर उसकी मदद का प्रयास किया जाएगा और उसकी काउंसलिंग करवाकर तनाव से मुक्त करने में सहयोग प्रदान किया जाएगा.
बीकानेर रेंज आईजीपी ओमप्रकाश पासवान ने बताया कि बीते सालों के मामलों को खंगालने के बाद सामने आया है कि कर्ज के बोझ तले दबकर इंसान धीरे-धीरे डिप्रेशन की ओर बढ़ता चला जाता है. फिर एक दिन आत्महत्या जैसा कदम उठा लेता है. आईजी ओमप्रकाश ने कहा कि सूदखोर और ब्याज माफिया पहले कर्ज के दलदल में इन्हें धकेलते हैं फिर कर्ज वसूलने के लिए प्रताड़ना करते है जिसके चलते आदमी तनाव से ग्रस्त हो जाता है. रेंज के प्रत्येक थाना स्तर पर सूदखोरों और ब्याज माफियाओं को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं. सूदखोरों, ब्याज माफियाओं की अवैध गतिविधियों के बारे में सोशल मीडिया पर जन जागरण के तहत बनाये व्हाट्सअप एप ग्रुपों पर सी.एल.जी. सदस्यों, सुरक्षा सखियों, ग्राम रक्षक, पुलिस मित्रों की बैठको में प्रचार-प्रसार किया जाकर आमजन को जागरूक किया जायेगा.
पुलिस के आकलन में सामने आया है कि सूदखोरों एवं व्याज माफियाओं द्वारा जरूरत मंद व्यक्तियों को उच्च व्याज दर पर ऋण दिया जाकर मनमाना व्याज वसूल किया जाता है. ऋण लेने वाला व्यक्ति यदि समय पर पैसा नहीं चुकाता है तो इनके द्वारा भारी भरकम पेनल्टी लगाकर उधार लेने वाले व्यक्ति की पूर्वजों की अचल सम्पति जैसे जमीन, घर आदि को ब्याज स्वरूप कब्जा ली जाती है. कभी-कभी अवैध सा का व्यवसाय करने वाले सूदखोर, ब्याज माफियाओं द्वारा पैसा वसूल करने के लिये शारीरिक और मानसिक रूप से इतना प्रताडित किया जाता है कि रूपये उधार लेने वाला व्यक्ति या उसके परिजन आत्म हत्या जैसे घातक कदम उठाने को मजबूर हो जाते है. ऐसी घटनाओं से आम जनमानस मे पुलिस की सकारात्मक छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. लेकिन अब पुलिस 'परोपकाराय' अभियान के जरिए लोगों में जागरूकता लाएगी और इसके लिए सामाजिक विकास हेतु सरकारी योजनाओं/ अनुदान / बैंक लोन आदि के बारे मे जानकारी हेतु प्रशासनिक अधिकारियों एवं बैंकों के साथ समन्वय कर कन्म आयोजित करवाये जायें. सूदखोरों / ब्याज माफियाओं के विरूद्ध शिकायत मिलने पर गंभीरता से कानूनी कार्रवाही करवाया जाना सुनिश्चित करें.