जयपुर: राजस्थान पुलिस की पारदर्शी और निष्पक्ष कार्यप्रणाली का असर अब आंकड़ों में भी स्पष्ट दिखाई देने लगा है. पुलिस की फ्री-रजिस्ट्रेशन नीति और शिकायतों के त्वरित निस्तारण की व्यवस्था ने न केवल समग्र अपराधों की संख्या को कम किया है, बल्कि न्यायालयों से इस्तगासों के माध्यम से दर्ज होने वाले मुकदमों में भी गिरावट दर्ज की गई है.
पुलिस मुख्यालय की अपराध शाखा के आंकड़ों के अनुसार, सीआरपीसी 156 (3) (अब बीएनएसएस सेक्शन 175 (3)) के तहत दर्ज होने वाले प्रकरणों में लगातार गिरावट आई है. वर्ष 2023 में ऐसे 39,634 प्रकरण दर्ज हुए थे, जो वर्ष 2024 में घटकर 37,794 रह गए. यानी एक ही वर्ष में 1,840 प्रकरण कम हुए और इसमें 4.64 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.पिछले तीन वर्षों के अगस्त माह तक के आंकड़े भी राहत देने वाले हैं.
अगस्त 2023 तक 27,603, अगस्त 2024 तक 26,621 और अगस्त 2025 तक 24,046 प्रकरण इस्तगासों से दर्ज हुए. इस तरह 2023 से 2024 में 982 (3.56 प्रतिशत) और 2024 से 2025 में 2,572 (9.67 प्रतिशत) की कमी देखी गई.इस्तगासों के अलावा समग्र अपराधों में भी गिरावट का सिलसिला जारी है. अगस्त 2023 तक प्रदेश में कुल 1,63,470 मुकदमे दर्ज हुए थे. अगस्त 2024 तक यह संख्या घटकर 1,52,936 रह गई और अगस्त 2025 तक और घटकर 1,31,671 मुकदमों पर आ गई.
वर्ष 2023 की तुलना में 2025 तक कुल 31,799 मुकदमे कम हुए, जो 19.45 प्रतिशत की गिरावट है. वहीं 2024 की तुलना में 2025 में 21,265 मुकदमे कम दर्ज हुए, जो 13.90 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.अगस्त 2024 में कुल 16,927 मुकदमे दर्ज हुए थे, जबकि अगस्त 2025 में यह संख्या घटकर 15,470 रह गई. इस तरह मात्र एक वर्ष में 8.61 प्रतिशत की कमी सामने आई है.विशेषज्ञों का मानना है कि थानों में ही शिकायतों के पारदर्शी पंजीकरण और उनके त्वरित निस्तारण से अदालतों का भार घटा है.
आमजन को समय पर न्याय मिल रहा है, जिससे पुलिस व्यवस्था पर विश्वास और आस्था बढ़ी है. आने वाले समय में इस व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे.फ्री-रजिस्ट्रेशन प्रणाली ने आमजन को अदालत का चक्कर लगाने से बड़ी राहत दी है. थानों में प्राप्त शिकायतों का प्रारंभिक स्तर पर ही समाधान कर दिया जाता है, जिससे न्यायालयों से इस्तगासों की आवश्यकता कम हो गई है. इस कदम ने कानून-व्यवस्था को और प्रभावी बनाया है तथा पुलिस की छवि को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाया है.