शाखाओं पर सियासत! RSS से कांग्रेस सेवादल की मुकाबले की कोशिश, BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कसा तंज, देखिए ये रिपोर्ट

जयपुर: इतिहास में अतीत के झरोखे से सेवादल अब गांधी वाद की सोच के साथ बाहर निकल रहा. मुकाबला करने की कोशिश है संघ विचारधारा से ओत प्रोत संगठनों से, लेकिन RSS की तरह शाखाएं लगाना आसान नहीं है.बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने सेवादल पर तंज कसा और कह दिया अलग से सेवादल को शाखा लगाने के बजाए संघ की शाखाओं में ही आ जाना चाहिए. आजादी से पहले और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना से बरसों पहले संघ संस्थापक डॉ बलिराम केशवराम हेडगेवार ने कांग्रेस सेवादल को सेवाएं दी थी.

भारत सेवक समाज के तहत बतौर स्वयंसेवक हेडगेवार ने बेहद करीब से कांग्रेस सेवादल को देखा, सेवादल के कार्यकर्ताओं को भी तब स्वयंसेवक कहा जाता था. बाद में विचारों के विरोध और हिंदुत्व राष्ट्रवाद की विचारधारा के कारण हेडगेवार ने 1925 में सेवादल से परे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बना दिया.कहा जाता है कि आगे चलकर काकीनाड़ा के कांग्रेस अधिवेशन को लेकर कांग्रेस सेवादल के संस्थापक हार्डिकर को डॉ हेडगेवार ने पत्र लिखा था और आग्रह किया था कि 'वे RSS के शीतकालीन शिविर को देखने आ सकते है,हालांकि हार्डिकर इससे पहले संघ पर नागपुर में ही विरोधी टिप्पणी कर चुके थे और फेफड़ो की बीमारी हो जाने से हार्डिकर नहीं आ पाये थे.

बरस बीतने के बाद आज समझ सकते है हार्डिकर का कांग्रेस सेवादल कहां खड़ा है और RSS कहां ! आज आर एस एस दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक - सांस्कृतिक- राष्ट्रवादी संगठन है ,एक विराट वट वृक्ष जिसकी शाखाएं सात समंदर पार तक फैल गई ,वहीं कांग्रेस सेवादल मूल उद्देश्य से भटक कर पिछड़ गया. यहीं कारण है कि कांग्रेस सेवा दल को संजीवनी देने के प्रयास हो रहे है फिर से शाखा और स्वयंसेवक की अवधारणा को जन्म देने के प्रयास है.

सेवादल के इन्हीं प्रयासों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने तंज कसा है और कह दिया कि अलग से सेवादल को शाखा लगाने के बजाए संघ की शाखाओं में ही आ जाना चाहिए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचारधारा से ही निकलकर ही मदन राठौड़ बीजेपी की सियासत में आए.मदन राठौड़ खुद संघ के प्रचारक और स्वयंसेवक रहे.यही कारण है कि बड़े सधे हुए अंदाज में कांग्रेस सेवादल पर तंज कस दिया.