जयपुरः राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक, 2025 को लेकर गठित प्रवर समिति की बैठक विधानसभा में आयोजित हुई. समिति के सभापति और उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा न बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में कई सुझाव आए है. अगली बैठक 2जुलाई को होगी.
कोटा के कोचिंग संस्थानों में आत्महत्या प्रकरणों ने पूरे देश को झकझोर दिया था. बढ़ती फीस भी बड़ा मुद्दा रहा. राजस्थान सरकार ने गंभीरता के मद्देनजर राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया गया. फिर पक्ष और विपक्ष विधायकों के पूरी तरह साथ नहीं आने के कारण बिल को प्रवर समिति को भेज दिया गया. विधानसभा में उप मुख्यमंत्री और प्रवर समिति के सभापति डॉ प्रेम चंद बैरवा की अध्यक्षता में बैठक हुई.
-- प्रवर समिति बैठक में आए प्रमुख सुझाव --
- कम संख्या वाले छोटे आरै असंगठित शिक्षा सस्थानों को अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए.
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- आत्म हत्या रोकने के लिए योग,साधना जैसे प्रमुख स्टेप उठाए जाने चाहिए
- अधिक छात्र सख्या वाले कोचिग संस्थानो का भी वर्गीकरण किया जाना चाहिए...
- नीट, आईआईटी,JEE और सरकारी नौकरी की कोचिंग कराने वाले संस्थानों का वर्गीकरण किया जाए
-विद्यार्थियों की आयु के आधार पर कोचिग संस्थान का वर्गीकरण किया जाए और वर्ग के अनुरूप ही नियम बनाए जाएं
- किसी छात्र द्वारा मध्यावधि में संस्थान छोड़ने की स्थिति मे फीस के पुनर्भुगतान की समय सीमा तय की जाए.
-- प्रवर समिति के सदस्य --
डॉ. प्रेम चन्द बैरवा सभापति
फूल सिंह मीणा
राधेश्याम बैरवा
संदीप शर्मा
दीप्ति किरण माहेश्वरी
कालीचरण सराफ
नौक्षम चौधरी
राजेन्द्र गुर्जर
बाबूसिंह राठौड़
राजेन्द्र पारीक
श्रवण कुमार
अशोक कुमार काठारी
उमेश मीणा
जाकिर गैसावत
कांति प्रसाद मीणा
बैठक में विधायक कालीचरण सराफ,संदीप शर्मा समेत प्रमुख विधायकों ने अपने सुझाव रखे. सभापति प्रेम चंद बैरवा ने सभी से सुझाव प्राप्त किए. और कहा कि छात्रों की सही दिशा के परिपेक्ष्य में प्रवर समिति के सुझाव बेहद अहम रहेंगे.