जयपुर: राजस्थान का राजभवन आज एक ऐतिहासिक पल का गवाह बना. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन में संविधान पार्क का लोकार्पण किया. राज्यपाल कलराज मिश्र की पहल पर बनाए गए संविधान पार्क में संविधान से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी भी इस दौरान मौजूद रहे. कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान के वीर सपूतों का जमकर गुणगान किया.
पहली बार देश के किसी राजभवन में संविधान पार्क बनाया गया है. राजस्थान के राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र की परिकल्पना के आधार पर संविधान पार्क विकसित किया गया है. इस संविधान पार्क का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकार्पण किया. द्रौपदी मुर्मू आज सुबह भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से जयपुर पहुंची. अमर जवान ज्योति पर उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद राजभवन में संविधान पार्क की पट्टिका का अनावरण किया. इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल मौजूद रहे.
राजभवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गन मैटल से तैयार की गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अवलोकन किया. साथ ही यहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के लिए बनाए गए फ्लैग पोस्ट, मयूर स्तंभ, राजस्थान के गौरव महाराणा प्रताप और उनके घोड़े चेतक की सफेद संगमरमर से बनी प्रतिमाओं की सराहना की. लोकार्पण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने संविधान पार्क की पुस्तक का विमोचन किया. पुस्तक की प्रथम प्रति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेंट की. समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बतौर राष्ट्रपति राजस्थान में उनकी पहली यात्रा है. ये वीर योद्धाओं की भूमि है. पृथ्वीराज चौहान, राणा सांगा, वीर दुर्गादास, महाराणा प्रताप जैसे वीर यहां हुए. आजादी के बाद युद्धाें में परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह और कारगिल युद्धों में भी यहां के वीर सैनिकों ने बड़ा योगदान दिया है. पन्नाधाय और भामाशाह की मिसाल हमेशा दी जाती रहेंगी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत के संविधान निर्माताओं के योगदान को मैं नमन करती हूं. आज यहां संविधान पार्क में भी हमारे इतिहास को एक अच्छे अध्याय के रूप में दर्शाया गया है. संविधान निर्माताओं का विचार था कि भावी पीढ़ियों को भी अधिकार मिलें. यही वजह है कि संविधान में अब तक कुल 105 बार संशोधन किए जा चुके हैं. हमारा संविधान जनमानस की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम है. राष्ट्रपति ने महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि देश में कई प्रमुख महिलाओं ने बड़े कार्य किए हैं. वर्तमान में पहली बार संसद में 100 से ज्यादा महिला सांसद हैं.
समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान भारतीय संस्कृति का जीवंत दर्शन है. यहां संविधान पार्क बनाने की मंशा यही है कि जो भी व्यक्ति यहां आए, वह संविधान के बारे में जान सके. राज्यपाल ने CM गहलोत और UDH मंत्री शांति धारीवाल का आभार जताते हुए कहा कि इनके सहयोग और रुचि लेने से ही यह पार्क बनकर तैयार हो सका. संविधान की प्रस्तावना और उद्देश्यिका हमारी एकता को दर्शाती है. युवाओं में संविधान के प्रति आस्था जाग्रत हो, इसलिए विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनाए गए. मैं अपने सभी कार्यक्रमों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाता हूं.
लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान के राजभवन ने प्रतिभा पाटील के रूप में देश को पहली महिला राष्ट्रपति दी थीं. आज आप देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. देश में इंदिरा गांधी महिला प्रधानमंत्री रहीं, यह सब हमारे संविधान की वजह से ही संभव हो सका है. हमारे संविधान पर हम गर्व कर सकते हैं, जिसमें महिलाओं को मत का समान अधिकार दिया गया. अमेरिका में महिलाओं को मताधिकार देने में 130 साल का समय लगा. ब्रिटेन में 100 साल में महिलाओं को मताधिकार मिल सका. आप सोच सकते हैं हमारा देश कितना भाग्यशाली है. संविधान की मूल भावना हर व्यक्ति के मन में होनी चाहिए, इसी से देश की एकता और अखंडता रहेगी.
लोकार्पण समारोह में बड़ी संख्या में गणमान्य मौजूद रहे. राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्थल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, सीएम गहलोत की धर्मपत्नी सुनीता गहलोत, मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, लालचंद कटारिया, महेश जोशी, परसादी लाल मीणा, डॉ. सुभाष गर्ग, राजेंद्र यादव, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, अर्जुन बामनिया, ममता भूपेश, बोर्ड और आयोगों के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल, महेश शर्मा, संदीप चौधरी, राजीव अरोड़ा, डॉ. चंद्रभान, पुखराज पाराशर, महेंद्र गहलोत, अर्चना शर्मा, डूंगरराम गेदर, विधायक रफीक खान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, सांसद किरोड़ीलाल मीणा, रामचरण बोहरा, ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर, अरुण चतुर्वेदी, पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी सहित बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी, सेना, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और अन्य क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य समारोह में मौजूद रहे.