लोगों को प्रेशर हॉर्न से मिलेगी निजात, यातायात पुलिस के आग्रह पर रोडवेज प्रबंधन ने लिया फैसला, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः जयपुर शहर में अब प्रेशर हॉर्न से लोगों को होने वाली परेशानी से निजात मिल सकेगी, यातायात पुलिस के आग्रह पर रोडवेज प्रबंधन ने जयपुर शहर की सीमा में रोडवेज बसों से प्रेशर हॉर्न हटाने का फैसला लिया है. 

राजधानी जयपुर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण और आमजन की परेशानी को देखते हुए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम  ने सख्त कदम उठाए हैं. जयपुर शहर की सीमा में संचालित रोडवेज बसों में प्रेशर हॉर्न के उपयोग पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस संबंध में पुलिस उपायुक्त (यातायात) जयपुर के पत्र के क्रम में निगम मुख्यालय ने सभी संबंधित आगार प्रबंधकों को आदेश जारी किए हैं.आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जयपुर शहर की सीमा में रोडवेज बसों द्वारा प्रेशर हॉर्न का अत्यधिक और अनावश्यक प्रयोग किया जा रहा है, जो न केवल कानूनन प्रतिबंधित है, बल्कि ध्वनि प्रदूषण का बड़ा कारण भी बन रहा है. प्रेशर हॉर्न की तेज आवाज से विशेष रूप से विद्यालयों, अस्पतालों, आवासीय क्षेत्रों और व्यस्त मार्गों के आसपास रहने वाले नागरिकों को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ता है. इससे बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.निगम ने सभी आगार प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि उनके अधीन संचालित होने वाली जयपुर शहर की सीमा में चलने वाली प्रत्येक बस के चालक और परिचालक को प्रेशर हॉर्न का प्रयोग नहीं करने के लिए पाबंद किया जाए. इसके साथ ही “मेरी बस, मेरी जिम्मेदारी” अभियान के तहत प्रत्येक बस की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी वाहन में प्रेशर हॉर्न लगा हुआ या उपयोग में नहीं है. 

आदेश में यह भी कहा गया है कि आगार स्तर पर बस प्रभारी एवं प्रबंधक (संचालन) द्वारा नियमित रूप से वाहनों की भौतिक जांच की जाए. जांच के बाद इस आशय का प्रमाण-पत्र तैयार कर आगामी पांच दिवस के भीतर संबंधित कार्यालय को भेजना अनिवार्य किया गया है. प्रमाण-पत्र में यह उल्लेख करना होगा कि वर्तमान में जयपुर शहर में संचालित किसी भी रोडवेज बस में प्रेशर हॉर्न का प्रयोग नहीं हो रहा है.निगम ने यह भी साफ कर दिया है कि यदि निर्देशों की पालना नहीं की जाती है तो संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों या बस चालकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई विभागीय नियमों के तहत की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित आगार प्रशासन की होगी.परिवहन विभाग और यातायात पुलिस का मानना है कि इस निर्णय से जयपुर शहर में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और आमजन को राहत मिलेगी. खासकर संवेदनशील क्षेत्रों जैसे अस्पतालों, स्कूलों और रिहायशी इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने में यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा.