होस्पेट (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करने के लिए सोमवार को मुख्य प्रतिद्वंद्वी दल पर निशाना साधा. उन्होंने इसे भगवान हनुमान की पूजा करने वालों को ताले में बंद करने की कोशिश करने का कांग्रेस का प्रयास करार दिया. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने पहले भगवान राम को ताले में बंद कर किया और अब वह जय बजरंग बली का नारा लगाने वालों को ताले में बंद करना चाहती है. मोदी ने कांग्रेस पर यह हमला विपक्षी पार्टी द्वारा 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करने के कुछ ही घंटों के भीतर किया.
कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है, हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे. विजयनगर जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आज हनुमान जी की इस पवित्र भूमि को नमन करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है और दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है. यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्री राम से भी तकलीफ होती थी और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से भी तकलीफ हो रही है. प्रधानमंत्री ने भीड़ से कहा कि भाजपा कर्नाटक को नंबर एक राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और वह भगवान हनुमान के चरणों में सिर झुकाकर इस प्रतिज्ञा की सिद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं.
मोदी ने कहा कि भाजपा कर्नाटक की मान-मर्यादा और संस्कृति पर कोई आंच नहीं आने देगी. भाजपा कर्नाटक के विकास के लिए, यहां के लोगों को आधुनिक सुविधा देने के लिए... नए अवसर देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि विजयनगर राजवंश और उसका इतिहास भारत का गौरव है. विजयनगर वंश के गौरवशाली शासक के नाम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि श्री कृष्णदेवराय ने अपने संसाधनों से इस क्षेत्र को अमर कर दिया था और उन्होंने विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया तथा कर्नाटक की संस्कृति को दुनिया भर में प्रसिद्ध किया. सोर्स भाषा