उदयपुर: जेल जाना और जेल की हवा खाने की कहावत काफी पुरानी है लेकिन इन दिनों झीलों की नगरी उदयपुर के केंद्रीय कारागृह के कैदी आम लोगों को जेल से ठंडी हवा खिला रहे है. दरअसल जेल के कैदियों ने इस बार बड़ी तादाद में कूलर निर्माण किया है जिनकी अच्छी डिमांड भी सामने आ रही है.
प्रदेश में इस बार गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. झीलों की नगरी उदयपुर में भी भीषण गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. ऐसे में उदयपुर के केंद्रीय कारागृह में बंद कैदियों को इस बार कूलर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. यही नहीं बाजार में गर्मी के चलते कुलर की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कारागृह के कैदियों ने अभी तक करीब 500 से ज्यादा कूलर तैयार भी कर दिए हैं. केंद्रीय कारागृह के अधीक्षक राजपाल सिंह ने बताया की सजा काट रहे बंदी जेल में कई काम कर रहे है जिनका उनको मेहताना भी दिया जाता है. इस बार गर्मी ज्यादा होने से कूलर की मांग बढ़ गई है और जेल के कूलरों की एडवांस में बुकिंग चल रही है. जेल में बन्द कैदी लोहे की चद्दर के कूलर बनाते है. यही नही इस बार पुलिस विभाग में कूलर लगाने का ऑर्डर भी मिला है जिसको पूरा करने में जेल के कैदी दिन रात लगे हुए है.
दरअसल ये बंदी मई महीने से ही जोरशोर से कूलर बनाने में लगे हुए हैं . जेल अधीक्षक सिंह ने बताया की बंदियों ने अब तक 500 कूलर का निर्माण कर लिया है . अभी ओर कूलर का निर्माण कार्य निरन्तर जारी है. कारागृह के 20 बंदी राजस्थान पुलिस विभाग के लिए कूलर्स का निर्माण कर रहै है. जो काम लगभग पूरा होने वाला है. कारागृह से कोई भी विभाग या अन्य कोई भी व्यक्ति कूलर प्राप्त कर सकता है. कारागृह के कूलर अच्छी गुणवत्ता में मजबूत चद्दर (22 गेज) से बनाए जाते है. कुलर की टंकी की क्षमता 90 लीटर पानी की है, जो बाज़ार में आम तौर पर नहीं मिलते है. मजबूती के कारण कारागृह के कूलर्स की इस समय अच्छी मांग बनी हुई है.
कुल मिलाकर जेल के कैदियों द्वारा बनाए जा रहे कुलर्स की हवा ठंडी है, यह तो अलग बात है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह की अपने गलत कार्यों की सजा काट रहे यह कैदी हुनरमंद होने के साथ समाज की मुख्य धारा में भी जुड़ सके, ऐसी सभी की कामना है.
...रवि कुमार शर्मा, फर्स्ट इंडिया न्यूज़, उदयपुर