पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की तलाश के लिए होशियारपुर के गांव में ड्रोन तैनात किया

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की तलाश के लिए होशियारपुर के गांव में ड्रोन तैनात किया

होशियारपुर: पंजाब पुलिस ने अलगाववादी अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत होशियारपुर जिले के एक गांव में बृहस्पतिवार को ड्रोन तैनात किया जहां दो दिन पहले कुछ संदिग्धों ने पुलिस द्वारा पीछा किए जाने के बाद अपनी कार छोड़ दी थी. सूत्रों के मुताबिक मरनैन गांव और उसके आस-पास तैनात पुलिसकर्मी भी कट्टरपंथी अमृतपाल की तलाश में वाहनों की जांच कर रहे हैं. पुलिस ने इलाके में अपना तलाशी अभियान फिर से शुरू किया और गांव में एक ड्रोन तैनात किया.

हालांकि, इस पर पुलिस विभाग की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है. मरनैन गांव और उसके आस-पास अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है. इससे पहले, पंजाब पुलिस ने होशियारपुर के इस गांव और उसके आस-पास के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था. पुलिस को यह खुफिया जानकारी मिली थी कि सिंह और उसके सहयोगी इलाके में हो सकते हैं. होशियारपुर की यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब पुलिस ने मंगलवार रात एक कार का पीछा किया, जिसके बारे में कुछ सूत्रों ने कहा कि उस कार में अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के होने की आशंका है. वे लोग वाहन को गांव में छोड़कर गायब हो गए. पुलिस ने घर-घर जाकर तलाशी अभियान भी चलाया है लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. अमृतपाल और उसके सहयोगियों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई की मांग को लेकर अमृतसर के निकट अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था. इस घटना के करीब तीन सप्ताह बाद 18 मार्च को पुलिस ने उसके और उसके खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. 

अमृतपाल उसके बाद से फरार है. वह 18 मार्च को जालंधर जिले से भाग निकला था. सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें कथित तौर पर वह अलग-अलग इलाकों में दिखा है. इस बीच एक नवीनतम वीडियो में, अमृतपाल सिंह अकाल तख्त के जत्थेदार से 'सरबत खालसा' (सिख समुदाय से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक सम्मेलन)आयोजित करने का आग्रह करता दिख रहा है. अमृतपाल ने समुदाय के सदस्यों से बड़ी संख्या में इसमें हिस्सा लेने को कहा. उसने अपनी अपील में कहा, ‘‘'अगर हमें नौजवानों और पंजाब को बचाना है तो हमें सरबत खालसा का हिस्सा बनना चाहिए. हम जानते हैं कि हम किस रास्ते पर चल रहे हैं, हमें इन सबका सामना करना होगा. इसके खिलाफ आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है. सोर्स- भाषा