जयपुर: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसे लेकर कशमकश जारी है. साथ ही उप नेता प्रतिपक्ष और विधायक दल के सचेतक पद को लेकर भी लॉबिंग शुरू हो गई है.
राजस्थान में सत्ता से बाहर हो चुकी कांग्रेस के अंदर नेता प्रतिपक्ष को लेकर फीडबैक कवायद पूरी हो चुकी है. अखिल भारतीय कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने अपनी फीडबैक रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है.
एआइसीसी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे को रिपोर्ट मिल गई..बतौर पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक मधुसूदन मिस्त्री आए थे जयपुर.इन्होंने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नव निर्वाचित विधायकों की बैठक ली थी और इसके बाद एक-एक विधायक से अलग से फीडबैक लिया था,नेता प्रतिपक्ष कौन और कैसा होना चाहिए इस बारे में जाना था...कहा जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष के साथ ही कांग्रेस में उप नेता प्रतिपक्ष और विधायक दल के सचेतक पद को लेकर भी चर्चाएं तेज है.
उप नेता प्रतिपक्ष पद के दावेदार
विपक्ष में रहते वक्त राजेंद्र राठौड़ ने इस पद को सुर्खियों में रखा था
कांग्रेस में उप नेता प्रतिपक्ष के दावेदार
हरिमोहन शर्मा विधायक बूंदी
राजेंद्र पारीक विधायक सीकर
जुबेर खान विधायक रामगढ़
बृजेंद्र ओला ,विधायक झुंझुनूं
श्रवण कुमार विधायक सूरजजगढ़
दयाराम परमार ,विधायक खेरवाड़ा
टीकाराम जूली विधायक अलवर ग्रामीण
रमिला खड़िया विधायक कुशलगढ़
कांग्रेस में सचेतक पद के दावेदार
रतन देवासी विधायक रानीवाड़ा
रतन पिछली गहलोत सरकार में उप मुख्य सचेतक रह चुके
अमीन कागजी विधायक किशनपोल
रफीक खान विधायक आदर्शनगर
रोहित बोहरा विधायक राजाखेड़ा
मुकेश भाकर विधायक लाडनूं
उप नेता राज में जब बीजेपी विपक्ष में थी राजेंद्र राठौड़ ने उप नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को बढ़ाया था और बाद में वह नेता प्रतिपक्ष के पद तक पहुंचे थे बाद में सतीश पूनिया उप नेता प्रतिपक्ष बने थे. बीजेपी विधायक दल के सचेतक के तौर पर जोगेश्वर गर्ग ने जिम्मेदारी संभाली थी. कांग्रेस विपक्ष में है लेकिन बड़ी संख्या में काबिल और गुणी नेता विधायक बने हैं. विधानसभा में विद्ययाज दल के सचेतक को कक्ष भी आवंटित होता है.