जयपुर: सनातन धर्म में राधा अष्टमी का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान कृष्ण की प्रियतमा राधा रानी के जन्म का उत्सव है. यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के आठवें दिन (अष्टमी) को मनाया जाता है.
बता दें इस बार राजधानी के इष्टदेव गोविंददेवजी में मंदिर में कल बड़े ही उल्लास और उमंग के साथ राधाष्टमी उत्सव मनाया जाएगा. हरिनाम संकीर्तन से राधाष्टमी उत्सव शुरू होगा. श्री गौरांग महाप्रभु संकीर्तन मंडल की ओर से संकीर्तन किया जाएगा.
गोविंददेवजी मंदिर में झांकियों के समय में बदलाव किया गया है. मंगला झांकी के दर्शन सुबह 4 बजे होंगे. सुबह 4.45 बजे राधारानीजी का अभिषेक होगा. राधारानीजी का दूध, दही, घी, बूरा और शहद से पंचामृत अभिषेक किया जाएगा.
इसके बाद होंगे महाआरती के दर्शन होंगे. पंचामृत का नि:शुल्क वितरण मंदिर परिसर में किया जाएगा. इसके बाद धूप झांकी होगी. ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत पोशाक धारण करवाई जाएगी. राधा जी का विशेष अलंकार श्रृंगार किया जाएगा. पंजीरी, लड्डू, मावा बर्फी का भोग लगाया जाएगा.
#Jaipur: कल मनाया जाएगा राधाष्टमी उत्सव
— First India News (@1stIndiaNews) September 10, 2024
गोविंददेवजी मंदिर में बदलेगा झांकियों का समय, मंगला झांकी दर्शन सुबह 4 बजे होंगे, सुबह 4.45 बजे राधारानीजी का होगा...#RajasthanWithFirstIndia @TriptiGautamFin pic.twitter.com/n7YBtfc5g2