भारत जोड़ो यात्रा का मकसद भारत के उदार, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बचाना : राहुल गांधी

भारत जोड़ो यात्रा का मकसद भारत के उदार, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बचाना : राहुल गांधी

श्रीनगर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा का मकसद भारत के उदार और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बचाना है. उन्होंने दावा किया कि देश के उदार और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के हमले का सामना कर पड़ रहा है. उन्होंने 136 दिन लंबी अपनी यात्रा के समापन पर यहां एक रैली में कहा कि मैंने यह यात्रा अपने लिए या कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि देश के लोगों के लिए की है. हमारा मकसद उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है जो इस देश की नींव को ही नष्ट करना चाहती है. उनकी यह रैली शहर में भारी हिमपात के बावजूद आयोजित की गई. राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस हिंसा भड़का कर देश के उदार एवं धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को निशाना बना रहे हैं.

उन्होंने उन पलों को याद किया जब उन्हें फोन पर उनकी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या की सूचना मिली थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हिंसा भड़काने वाले कभी भी उस दर्द को नहीं समझ पाएंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा भड़काते हैं - जैसे मोदीजी, अमित शाहजी, भाजपा और आरएसएस - वे इस दर्द को कभी नहीं समझेंगे. सेना के किसी जवान का परिवार यह समझेगा, पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का परिवार यह समझेगा, कश्मीर के लोग समझेंगे कि वह दर्द क्या होता है.

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी यात्रा का मकसद अपने प्रियजनों की मौत की खबर देने वाले फोन कॉल को समाप्त करना है - चाहे वह कोई सैनिक हो, सीआरपीएफ का जवान हो या कोई कश्मीरी हो.कांग्रेस नेता ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को उनकी तरह जम्मू-कश्मीर में यात्रा करने की चुनौती देते हुए कहा कि वे लोग कभी भी ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे भयभीत हैं. उन्होंने कहा कि मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि भाजपा का कोई भी नेता जम्मू-कश्मीर में इस तरह पैदल नहीं चल सकता. वे ऐसा नहीं करेंगे, इसलिए नहीं कि उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी, बल्कि इसलिए कि वे भयभीत हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें जम्मू-कश्मीर की धरती पर पैदल नहीं चलने की सलाह दी गई थी क्योंकि उन पर हमला हो सकता है. उन्होंने कहा कि मैंने इस पर विचार किया और फिर फैसला किया कि मैं अपने घर और अपने लोगों (जम्मू-कश्मीर में) के साथ चलूंगा. क्यों नहीं उन्हें (उनके दुश्मनों को) मेरी शर्ट का रंग बदलने का मौका दिया जाना चाहिए, उन्हें इसे लाल करने दें. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने मुझे हथगोले नहीं दिए, सिर्फ प्यार भरा दिल दिया.(भाषा)