Rajasthan Assembly Election 2023: केजरी और भगवंत की निगाहें राजस्थान पर, तीसरी शक्ति बनने की कवायद; 13 मार्च को जयपुर में करेंगे रोड शो

जयपुर: फागुन के महिने से राजस्थान में सियासी धमाल की शुरुआत हो जायेगी. तीसरी शक्ति बनने के लिए आम आदमी पार्टी ने राजस्थान में निगाहें गढ़ा दी है. 13 मार्च को AAP के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रोड शो करेंगे. जयपुर शहर में होने वाले रोड शो में पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप प्रभारी विनय मिश्रा समेत प्रमुख नेता शामिल होंगे. रोड शो की तैयारी कार्यकर्ताओं ने शुरू कर दी है. 

झाड़ू वाली पार्टी आम आदमी पार्टी अब राजस्थान में कमाल दिखाना चाहती है. घेरना चाहती है राजस्थान की सरजमीन पर सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी दल बीजेपी को. बनना चाहती है राजपूताना की धरती पर तीसरी शक्ति. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान पर पैनी निगाह कर दी है. मार्च में ही होली आती है और इसी महीने से अरविंद केजरीवाल राजस्थान में चुनावी आगाज कर देंगे और आप का धमाल शुरु हो जायेगा. पंजाब के सीएम भगवंत मान भी रोड शो में शामिल होंगे.

पंजाब राज्य में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी जोश से लबरेज है . फोकस कर दिया है उन राज्यों की ओर जहां इस साल और अगले साल चुनाव है. जयपुर के परकोटे में रोड शो चुनावी शंखनाद कर दिया जायेगा.

---केजरीवाल के राजस्थान दौरे का एजेंडा--- 
- आप पार्टी की राजस्थान में गतिविधियों की समीक्षा
- नए और प्रभावी चेहरों को लिए जाने की रूपरेखा पर काम
- संगठन को मजबूती देना
- सदस्यता अभियान को तेज करना
- जमीनी स्तर पर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाना
- दिल्ली में अपनाये गये शहरी मॉडल को जनता के सामने रखना
- राजस्थान में थर्ड फ्रंट की जमीन तैयार करना
- परिस्थितियां ऐसी पैदा करना कि बगैर आप के सरकार नहीं बने
- प्रभावी प्रदेश अध्यक्ष की खोज करना जिसे सीएम फेस बनाया जा सके

जिस तरह से आम आदमी पार्टी राजस्थान पर फोकस करेगी उसका तरीका अलग होगा. शहरी सीटों पर फोकस होने के साथ ही सोशल इंजीनियरिंग का तड़का भी दिखेगा. पंजाब से सटे राजस्थान के नहरी क्षेत्र में विशेष दखल देखने को मिल सकता है. कांग्रेस लीडरशिप को शायद अंदाजा है इसलिए ही पंजाब के चर्चित नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा को प्रभारी बनाकर राजस्थान भेजा गया. लेकिन अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान से मिलने वाली चुनौती आसान नहीं होगी. सब जानते है गुजरात में AAP ने कांग्रेस का कितना नुकसान पहुंचाया.