जयपुर: संख्या बल के आधार पर कांग्रेस के नेता ब्राह्मणों के लिए 14% आरक्षण की डिमांड कर रहे हैं. इसी बीच बीजेपी ने राजस्थान में ब्राह्मण वर्ग के चंद्र प्रकाश जोशी की ताजपोशी कर दी. चित्तौड़ के बीजेपी के सांसद और देश भर में सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले सांसदों में शुमार सीपी जोशी ने आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद का पदभार ग्रहण किया. पदभार संभालने के बाद पूरे राजस्थान में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. सीपी "करंट" कितना और कहां तक दौड़ेगा, बताते हैं और आपको समझाते हैं सिलसिलेवार....
सीपी "करंट" कितना दौड़ेगा और कहां तक इसका प्रवाह होगा, इसकी शुरुआत हो चुकी है. पहले बात मेवाड़ और वागड़ की. सीपी जोशी चितौड़ से सांसद है लिहाजा मेवाड़ की राजनीति का प्रभावित होना तय है, यहां तो करंट दौड़ेगा ही...राजस्थान की राजनीति के मिजाज में मेवाड़-वागड़ की अलग पहचान है. कहा जाता है यहां से जिस पार्टी की चुनावी आंधी चलती है उसी को राजस्थान पर राज करने का अवसर मिलता है. मेवाड़-वागड़ की राजनीति अलग रही है, यहां से उपजे सियासी संदेश को पूरे प्रदेश ने स्वीकारा है.बीजेपी में तो ये खास है, उल्लेखनीय है कि चाहे परिवर्तन यात्रा हो या फिर सुराज संकल्प यात्रा, वसुंधरा राजे ने यात्रा की शुरुआत मेवाड़ की धरती से ही की थी. राजस्थान के राजनीतिक मानचित्र पर मेवाड़ और वागड़ की सियासत का अपना महत्व है. यहां कमोबेश लहर एक समान चलती. उदयपुर संभाग की 28 सीटों में से एक जमाने म 25 सीटों पर बीजेपी का कब्जा था, आज हालात वैसे नही है.
पहला करंट "मेवाड़" :-
CP "करंट " प्रवाहित होगा उदयपुर संभाग में
- सीपी जोशी सांसद है चितौड़ से
- इतिहास में मेवाड़ की राजधानी रही है चितौड़
- तकरीबन 28 सीट उदयपुर संभाग में
- इनमें डूंगरपुर,बांसवाड़ा, चितौड़,भीलवाड़ा,
राजसमंद प्रमुख जिले:-
- नए जिलों में सलूंबर और शाहपुरा शुमार
- स्थानीय होने के कारण साध सकते है नए जिलों को
दूसरा करंट "समाज":-
CP "करंट " प्रवाहित होगा ब्राह्मण/सवर्ण वर्ग में
- राजस्थान में लगभग 30 से 35फीसदी सवर्ण है
- बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक भी कहा जाता है
- बीजेपी के सर्वाधिक अध्यक्ष ब्राह्मण रहे
- कभी ब्राह्मण वर्ग कांग्रेस के साथ था, कांग्रेस का रुझान एससी, एसटी, अल्पसंख्यक की और बढ़ा तो ब्राह्मण/सवर्ण वर्ग कांग्रेस से दूर हो गया 1980 में बीजेपी जन्मी तो साथ दिया
- राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में 10 से 60हजार तक ब्राह्मण मतदाता है
इसी प्रकार प्रदेश के 25लोकसभा क्षेत्रों में 1 से 4लाख तक ब्राह्मण मतदाता है
- सवाल यही है CP "करंट "प्रभावित करेगा ब्राह्मण मतदाताओं को
- ये भी दिलचस्प है कि ब्राह्मण महापंचायत के कुछ दिनों बाद ही बीजेपी में "चंद्र उदय" हो गया
तीसरा करंट "परिवार की एकता":-
CP "करंट " प्रवाहित होगा बीजेपी में हो
- बीजेपी अभी अलग अलग गुटों में बंटी
- सीपी जोशी को बतौर कॉमन फेस लाया गया
- हालांकि सीपी को रोकने के लिए एक धड़े ने रामचरन बोहरा और अरुण चतुर्वेदी का नाम चलाया था
- अब सीपी करंट कितना एक करेगा बीजेपी को ये सबसे बड़ी चुनौती
- अभी कांग्रेस से अधिक कैंप बीजेपी में इनमे से अधिकतर सीएम फेस का दावा रखते हैं
- राजे कैंप, ओम बिरला कैंप, गजेंद्र सिंह शेखावत कैंप, सतीश पूनिया कैंप, अर्जुन राम मेघवाल कैंप, भूपेंद्र यादव कैंप, दिया कुमारी कैंप समेत प्रमुख कैंप है बीजेपी में
- अब सीपी जोशी इन्हें साधने का काम करेगा
- कुनबे में एकता का करंट पैदा करना होगा
- एकता के पहले स्टेप में सीपी ने कह दिया नारा एक ही लगेगा बीजेपी जिंदाबाद, मेरा नही
चौथा करंट:-
CP "करंट " प्रवाहित होगा मातृ संगठन में
- संघ परिवार की पसंद भी है सीपी जोशी
- भले ही उन्हें उनके विरोधी पुराना कांग्रेसी बताए
- RSS के राजस्थान में तीन प्रांतों में से एक है चितौड़
- मातृ संगठन देंगे सीपी को ऊर्जा देने का कार्य
पांचवा करंट:-
CP "करंट " प्रवाहित होगा युवाओं में
- सीपी जोशी बीजेपी के हरावल दस्ते युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके
- युवा मोर्चा के पुराने साथी प्रदेश भर में सक्रिय हो गए
- युवा साथ आएगा तो सीपी को ताकत मिलेगी
- सीपी को सफल बनने के लिए युवाओं के बीच करंट दौड़ाना होगा
CP "करंट " के सामने चुनौती:-
- मेवाड़ के आदिवासी अंचल के सामान्य ब्राह्मण परिवार में जन्मे सीपी जोशी के सामने चुनौती बड़ी है
- कांग्रेस की अनुभवी नेतृत्व वाली गहलोत सरकार से मुकाबला है
- पीसीसी चीफ के पद पर आसीन गोविंद सिंह डोटासरा बड़े जाट नेता है
- सतीश पूनिया के हटने के बाद कांग्रेस की कोशिश होगी प्रदेश की सबसे बड़ी सामाजिक ताकत जाट को अपनी ओर जोड़ा जाए
- अशोक गहलोत की बड़ी योजनाएं और जिलों का गणित सीपी को समझना होगा
- सीपी को अपने मेवाड़ में ही कांग्रेस के बड़े नेता और स्पीकर डॉ सीपी जोशी से चुनौती मिलेगी
- कांग्रेस के गहलोत करंट के साथ ही पायलट करंट से उनका मुकाबला है
सीपी जोशी भली भांति जानते है कि बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष का पद कांटो का ताज है. चुनावी साल मे ऐसी जिम्मेदारी मिलना उन्होंने सपने में भी नही सोचा था. सीनियर्स उनकी ताजपोशी को कितना पचा पाएंगे. ये कहना अभी मुश्किल लेकिन सीपी जोशी के भाषण से ये तय हो गया कि वो खुद साँफा या माला पहनने में समय जाया करने के बजाय चुनावी एजेंडे पर काम करेंगे.