Rajasthan Budget Session: विधानसभा में गूंजा RTDC का मुद्दा, विपक्ष ने सदन में सरकार को घेरा; स्पीकर सीपी जोशी ने किया मंत्री मुरारी मीणा का बचाव

जयपुर: विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान आरटीडीसी की होटलों के निजीकरण का मामला उठा. मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के विपरीत दूसरे होटल इकाइयों पर पैसा खर्च करने का मामला उठाते हुए विपक्ष ने सरकार को सदन में घेरा. विपक्ष के सवालों में अटके पर्यटन राज्य मंत्री मुरारी का स्पीकर सीपी जोशी ने बचाव किया.

सदन में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने आरटीडीसी की होटलों के निजीकरण का मामला उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आरटीडीसी की होटलों पर करीब 9 करोड की राशि खर्च कर उन्हें निजी हाथों में देने की तैयारी है. जब मुख्यमंत्री ने बजट में जिन इकाइयों के विकास की घोषणा की थी, उनके विपरीत दूसरी होटलों पर यह पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है? इसके पीछे क्या मजबूरी है, सरकार सदन में बताएं. जवाब में पर्यटन राज्यमंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि सरकार की ओर से  RTDC की मुनाफे वाली होटलों को निजी क्षेत्र में देने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. RTDC की 6 इकाइयों के रिनोवेशन के लिए 908.76 लाख स्‍वीकृत किए गए है, जो कार्य वर्तमान में प्रगति पर है. इसके अतिरिक्‍त RTDC की चार हैरिटेज श्रेणी की इकाईयों के जीर्णौद्धार के लिए 4 करोड स्‍वीकृत कर 1.22 करोड़ व्‍यय किये जा चुके है. इन इकाइयों का रिनोवेशन कार्य वर्तमान में प्रगति पर है. 

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने सवाल में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री ने सदन में घोषणा की है कि इन होटलों पर यह पैसा खर्च किया जाएगा, उसके बाद ऐसी कौन सी विभाग की कमेटी है, जिसने  मुख्यमंत्री की घोषणा को ही बदल दिया. अगर ऐसा हुआ तो सदन में घोषणा का क्या औचित्य रह जाएगा. मंत्री मीणा ने कहा कि जिन होटलों के विकास को लेकर बजट में घोषणा की गई थी, उन पर पैसा लगाने का कोई औचित्य नहीं था, इसलिए कमेटी ने दूसरी कार्यों पर पैसा खर्च करने का निर्णय लिया. 

सदन में सवाल का इन सभी तथ्यों के साथ भविष्य में उत्तर दिया जाए:
विपक्ष के सवालों में अटके मंत्री का बचाव करते हुए स्पीकर ने कहा कि बजट की घोषणा के बाद उसकी क्रियान्वयन के लिए विभाग में विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाती है, अगर उसमें कुछ ऐसा संशोधन की जरूरत हुई तो उसमें बदलाव किया जा सकता है लेकिन सदन में सवाल का इन सभी तथ्यों के साथ भविष्य में उत्तर दिया जाए. दरअसल, सरकार के मन्त्री बिना तैयारी के सदन में प्रश्नकाल में आते है जिसके चलते वे सदस्यों के प्रश्नों का ठीक से जवाब नही दे पाते. मन्त्री कभी अधिकारी दीर्घा की तरफ झांकते है तो कभी कागज ढूंढते नजर आते हैं. 

...योगेश शर्मा व ऐश्वर्य प्रधान के साथ नरेश शर्मा फर्स्ट इंडिया न्यूज जयपुर