Rajasthan Congress: बैठकों में नहीं आने वाले नेताओं पर एक्शन से कांग्रेसियों में हलचल, प्रभारी रंधावा ने दिए कारण बताओं नोटिस

जयपुर: राजस्थान की कांग्रेस में प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के नोटिस के बाद हलचल है. पहली बार कांग्रेस के किसी प्रभारी ने पार्टी की बैठक में नहीं आने वाले नेताओं पर सख्त एक्शन लिया है. वह भी उन नेताओं के खिलाफ जो दिग्गज कहे जाते हैं. कहा जा रहा है कि रंधावा ने खुद फोन करके नेताओं से पूछा है कि आप बैठकों में क्यों नहीं आते है, जवाब दीजिए. उल्लेखनीय है कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की संभाग स्तरीय बैठकों में नहीं आने पर रंधावा ने प्रमुख मंत्रियों और विधायकों से कारण पूछा है. अब प्रदेश कांग्रेस के 6 फरवरी के प्रदर्शन है इसमें भी भाग नही लेने वाले नेताओं पर निगाह रहेगी. 

राहुल गांधी का संदेश हर घर तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू किया है. कांग्रेस की लीडरशिप इस अभियान के प्रति बेहद गंभीर है. यही कारण है कि प्रदेशों के प्रभारी राज्यों में जाकर संभाग और जिले तक पहुंच कर बैठ कर ले रहे हैं. बीते दिनों राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बैठक ली थी. जयपुर और अजमेर संभाग की बैठक ली इसमें उन्होंने कुछ दिग्गज नेता, मंत्री और विधायक नहीं पहुंचे थे. 

यह परिपाटी प्रभारी को नागवार गुजरी और बैठकों में नहीं आने वाले मंत्रियों को कारण बताओं नोटिस दे दिए. ये मंत्री है स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया, राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, मुरारी लाल मीणा और राजेंद्र सिंह गुढ़ा. चुनावी साल में कांग्रेस संगठन के इकबाल को बुलंद करने के लिए रंधावा ने कारण बताओ नोटिस दिए है, उन विधायकों और प्रमुख नेताओं से जवाब मांगा जाएगा जो बैठकों में नहीं आए. अब कांग्रेस ने 6 फरवरी के दिन एलआईसी और एसबीआई कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन के कार्यक्रम जारी किए है. 

कांग्रेस में प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के नोटिस के बाद हलचल:
राजस्थान की कांग्रेस में ऐसा पहली बार है जब किसी ने प्रभारी ने मंत्रियों को बैठकों में नहीं आने पर कारण पूछा हो. बहरहाल राजस्थान की कांग्रेस में प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के नोटिस के बाद हलचल है. पहली बार कांग्रेस के किसी प्रभारी ने पार्टी की बैठक में नहीं आने वाले नेताओं पर सख्त एक्शन लिया है. वह भी उन नेताओं के खिलाफ जो दिग्गज कहे जाते हैं. कहा जा रहा है कि रंधावा ने खुद फोन करके नेताओं से पूछा है कि आप बैठकों में क्यों नहीं आते है, जवाब दीजिए. जाहिर है संगठन के भावी कार्यक्रमों के लिए रंधावा के नोटिस चेतावनी माने जा सकते है जो नेता संगठन को गंभीरता से नहीं लेते.