जयपुर: पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के कल अनशन करने की घोषणा के बाद अब कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल के प्रयास तेज हो गए हैं. कांग्रेस के एक धड़े ने सचिन पायलट से बातचीत करके मनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. संभव है कि इस पूरे मामले में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भूमिका निभाएं.
हालांकि आलाकमान का फोकस अभी कर्नाटक इलेक्शन पर है. AICC चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे खुद कर्नाटक से हैं. कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद कर्नाटक उनके लिए लिटमस टेस्ट है. बहरहाल, राजस्थान का मसला सुलझाने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों को दखल देना होगा.
वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट की ओर से गहलोत सरकार पर ताजा हमला किए जाने के बाद रविवार को एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पायलट का इस तरीके से प्रेस वार्ता करना ‘‘उचित नहीं’’ है और उन्हें पहले उनके समक्ष इस मुद्दे को उठाना चाहिए था. रंधावा को पिछले साल दिसंबर में राजस्थान का एआईसीसी प्रभारी बनाया गया था. रंधावा ने कहा कि उन्होंने प्रभार संभालने के बाद से पायलट के साथ 20 से अधिक बैठकें की हैं लेकिन पूर्व उपमुख्यमंत्री ने उनके सामने भ्रष्टाचार का मुद्दा नहीं उठाया.
हमने कई मुद्दों के बारे में बात की लेकिन उन्होंने यह मुद्दा नहीं उठाया:
रंधावा ने कहा कि हमने कई मुद्दों के बारे में बात की लेकिन उन्होंने यह मुद्दा नहीं उठाया और फिर प्रेस के पास जाना...यह कहना कि हम भ्रष्टाचार पर काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कार्रवाई की, यहां तक कि उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया. दूसरी बात यह है कि हमने राजस्थान में जो किया है, किसानों के कर्ज माफ करने, बिजली बिल पर, सिलेंडर पर सब्सिडी, पुरानी पेंशन योजना वापस लाने जैसी योजना, उन्हें (पायलट) उस बारे में बात करनी चाहिए थी और फिर कहना था कि अब हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. लेकिन यह उचित नहीं था.
गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाएं लागू की:
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाएं लागू की हैं और कई नई पहल की है, जिन्होंने लोगों को गहराई से प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य को शासन की दृष्टि से हमारे देश में अग्रणी स्थान मिला है. राजस्थान में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ उत्कृष्ट रूप से सफल रही और यह सब राज्य में पार्टी संगठन के समर्पण और दृढ़ संकल्प से संभव हो सका.
इस साल के अंत में कांग्रेस जनता से दोबारा जनादेश देने का अनुरोध करेगी:
रमेश ने कहा कि इस साल के अंत में कांग्रेस जनता से दोबारा जनादेश देने का अनुरोध करेगी, ताकि इन उपलब्धियों और संगठन के सामूहिक प्रयास को और पुख्ता किया जा सके. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार के खिलाफ एक नया मोर्चा खोलते हुए रविवार को कहा कि वह राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कथित तौर पर हुए ‘भ्रष्टाचार’ पर कार्रवाई की मांग को लेकर 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे.
हमने वादा किया था कि 45,000 करोड़ रुपये के खदान घोटाले की जांच कराई जाएगी:
पायलट ने जयपुर में अपने निवास पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर (गहलोत सरकार द्वारा) कोई कार्रवाई नहीं की गई. विपक्ष में रहते हुए हमने वादा किया था कि 45,000 करोड़ रुपये के खदान घोटाले की जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि चुनाव होने में छह-सात महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कुछ मिलीभगत है. इसलिए कार्रवाई जल्द करनी होगी, ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है. पायलट ने गहलोत के बयान संबंधी वीडियो भी दिखाया, जिसमें मुख्यमंत्री ने विधानसभा के भीतर और बाहर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.