जयपुर: राजस्थान में मानसून मेहरबान है. प्रदेश के 21 जिलों के बांधों में कुल भराव क्षमता का प्रतिशत पिछले साल से ज्यादा है. अजमेर जिले के 24 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. जयपुर जिले के 16 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. अलवर जिले के 14 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. बारां जिले के 18 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. ब्यावर जिले के 15 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. भरतपुर जिले के 30 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. बूंदी जिले के 23 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. धौलपुर जिले के 7 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. जयपुर के 7 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. करौली के 13 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. केकड़ी के 23 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया. झालावाड़ के 31 बांधों में पिछले साल से ज्यादा पानी आया.
बीसलपुर बांध से जुड़ी बड़ी अपडेट:
बांध का जलस्तर 313 RL मीटर के करीब पहुंच गया. बांध का वर्तमान जलस्तर 312.93 RL मीटर है. बांध में करीब 6 महीने के पानी की आवक हो चुकी है.बांध के बहाव क्षेत्र में त्रिवेणी की ऊंचाई बढ़कर 3 मीटर पर आई. बांध पर अब तक 893 MM बारिश दर्ज हुई. बांध में कुल भराव क्षमता का 57.3 प्रतिशत पानी आया.
कानोता बांध में रिसाव और टूटने के खतरे का मामला:
जयपुर के कानोता बांध में रिसाव और टूटने के खतरे के मामले में जल संसाधन विभाग ने अफवाह बताते हुए खंडन किया. विभाग ने इन खबरों को भ्रामक और असत्य बताया. कानोता बांध पर दो इंच की चादर चल रही है. विभाग का तर्क, पल-पल मॉनिटरिंग की जा रही है. बांध पर एक कनिष्ठ अभियंता और तीन कर्मचारियों की तैनाती का दावा किया गया. विभाग ने आमजन से आग्रह किया-जलभराव क्षेत्र से दूर रहें. ढूंढ नदी में तेजी से पानी की आवक के चलते नदी से दूर रहने की अपील की.
नेवटा बांध से जुड़ी बड़ी खबर:
इस मानसून में जयपुर का नेवटा बांध लबालब हुआ. बांध ने स्थानीय ग्रामीणों की चिंता बढ़ाई. ग्रामीणों का आरोप प्राकृतिक नाला बंद कर दिया गया. इसके चलते बांध के डाउन स्ट्रीम में पानी निकलाना मुश्किल होगा. जल संसाधन और स्थानीय प्रशासन ने मौका मुआयना किया. बांध की भराव क्षमता 16 फीट और 15 फीट से ज्यादा पानी की आवक हो चुकी है. ग्रामीणों का आरोप महेन्द्र सेज ने प्राकृतिक नाला बंद कर दिया.