जयपुर: दशहरा और दीपावली का फेस्टिव सीजन करीब है और इसी के साथ सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें परवान पर हैं. सरकारी कर्मचारी हर बार की तरह पे मैट्रिक्स लेवल 12 या 4800 ग्रेड पे या उससे नीचे के सरकारी कर्मचारियों को बोनस की जल्द घोषणा करने की मांग कर रहे हैं. वहीं 3600 ग्रेड पे सहित कई अधूरी मांगें होने की दुहाई देने वाले अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मचारियों को सीएम गहलोत की ओर से खुशियों का पिटारा खोलने का इंतजार है.
दीपावली से पहले ही सरकारी कर्मचारियों की आशा की फुलझड़ियां छूट रहीं हैं. वजह है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व गहलोत सरकार के पास कामकाज का करीब 1 ही साल रह गया है. कर्मचारियों की कई मांगों में सबसे अहम बोनस की मांग है.
- पिछली बार 25 अक्टूबर को मिला था बोनस.
- पे मैट्रिक्स लेवल 12 या 4800 ग्रेड पे या इससे नीचे के सरकारी कर्मियों को मिला था बोनस
- इस बार दीपावली 24 अक्टूबर को है. ऐसे में सरकारी कर्मचारी अभी से बोनस की मांग कर रहे हैं. ताकि समय से पहले मिल जाए बोनस
- इससे करीब 6 लाख परिवार होंगे लाभान्वित
- पंचायत समिति, जिला परिषद के कर्मचारियों व वर्कचार्ज कर्मचारियों को भी मिलता है बोनस
- बोनस 30 दिन की अवधि के लिए होता है देय
- हर कार्मिक को अधिकतम करीब 6 हजार 774 रुपए तदर्थ बोनस मिलना संभव.
- पिछली बार बोनस की 50 प्रतिशत राशि नकद व शेष 50 % GPF में जमा की थी.
- राज्य सरकार ने इस पर 500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार वहन किया था.
उधर दीपावली से पहले अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मचारियों की पद बढ़ाने की मांग तो पूरी की गई लेकिन कुछ मांगें अभी भी अधूरी हैं जिनकी टीस अभी तक उनके मन में है.
ये हैं प्रमुख मांगें:-
- कनिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 2400 के स्थान पर 3600 हो.
- सचिवालय के समान हो मंत्रालयिक कर्मचारियों के वेतन-भत्ते.
- पिछली गहलोत सरकार ने वेतन विसंगति की थी दूर. जिसके बाद मंत्रालयिक कर्मचारियों का फिक्सेशन हुआ था 9840 की पे पर.
- लेकिन पिछली बीजेपी सरकार ने इसे 8080 कर दिया था.
- ऐसे में अब मंत्रालयिक कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि फिर से पूर्व की गहलोत सरकार का निर्णय हो कायम. और 9840 पर हो मंत्रालयिक कर्मचारियों का फिक्सेशन.
- मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए निदेशालय का हो गठन.
- कनिष्ठ सहायक और वरिष्ठ सहायक के समाप्त किए गए पदों को वापस दिया जाए.
- 26000 में से बचे पदोन्नति के पद दिए जाएं.
इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी सामंत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और खेमराज कमेटी से जल्द रिपोर्ट लेकर सिफारिश लागू करने की भी मांग कर रहे हैं.