जयपुर: शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले के सरगनाओं पर जेडीए का एक्शन जारी है. मामले के आरोपी भूपेन्द्र सारण का आलीशान मकान अब जेडीए की प्रवर्तन शाखा के निशाने पर आ गया है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए देखें फर्स्ट इंडिया न्यूज की ये खास रिपोर्ट...
जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से हाल ही पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी भूपेन्द्र सारण, भूपेन्द्र ढाका, धर्मेन्द्र चौधरी की ओर से संचालित कोचिंग सेंटर की इमारत को पूरी तरह से नेस्तनाबूद किया गया था. इसके बाद इन आरोपियों की राजधानी में ही अजमेर रोड स्थित रजनी विहार और चित्रकूट स्थित नेमीसागर कॉलोनी में स्थित संपत्तियों का मामला खुला. मामला खुलते ही जेडीए की प्रवर्तन शाखा एक बार फिर एक्शन में आ गई. आज दोनों ही स्थानों पर जेडीए की प्रवर्तन दस्ते की अलग-अलग टीमें पहुंच गई. इन टीमों ने यहां जाकर भवन विनियमों के उल्लंघन के लिहाज से जांच पड़ताल की. आपको सबसे पहले बताते हैं कि दोनों स्थानों पर जांच पड़ताल के बाद क्या सामने आया.
जांच पड़ताल में यह आया सामने:-
- अजमेर रोड स्थित रजनी विहार में भूखंड संख्या 67 सी पर भूतल व तीन मंजिल का आलीशान मकान बना हुआ है.
- 141.55 वर्गगज का यह भूखंड पेपर लीक के मुख्य आरोपी भूपेन्द्र सारण व उसके भाई गोपाल का है.
- भूखंड का जेडीए पट्टा बबली पारीक के नाम से जारी किया गया था.
- 27 नवंबर 2017 को यह भूखंड रजिस्ट्री से भूपेन्द्र सारण व उसके भाई गोपाल ने खरीदा था.
- जेडीए के साइट प्लान के अनुसार भूखंड के आगे 15 फीट और पीछे सवा 8 फीट सेट बैक छोड़ा जाना चाहिए था.
- लेकिन भूखंड पर आलीशान इमारत पूरा सेट बैक कवर करके बना ली गई है.
- भवन विनियमों के अनुसार इस भूखंड पर केवल 8 मीटर ऊंचाई तक ही निर्माण किया जा सकता है.
- लेकिन यहां बिना जेडीए स्वीकृति के दूसरी व तीसरी मंजिल का निर्माण कर लिया गया है.
- मकान के आगे ढाई फीट और पीछे की सड़क सीमा में छज्जे का निर्माण किया गया है.
बेरोजगार युवाओं के सपनों को रौंदने वाले इन आरोपियों के अजमेर रोड स्थित रजनी विहार के मकान के निर्माण में जेडीए की टीम ने भवन विनियमों को घोर उल्लंघन पाया. इसके बाद मौके पर ही जेडीए की ओर से जेडीए एक्ट की धारा 32 व 33 के तहत नोटिस जारी किया गया. जेडीए के मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी के नेतृत्व में गई टीम ने नोटिस मकान पर ही चस्पा कर दिया. नोटिस के माध्यम से भवन मालिक को तीन दिन में अपना अवैध निर्माण हटाकर जेडीए को सूचना देने की हिदायत दी गई है. नोटिस की मियाद 12 जनवरी शाम 5 बजे पूरी हो जाएगी. अवैध निर्माण नहीं हटाने पर जेडीए कार्रवाई करेगा. इसी तरह दूसरी टीम ने नेमीसागर चित्रकूट स्थित आरोपियों की संपत्ति की जांच पड़ताल की.
- मामले के दूसरे मुख्य आरोपी सुरेश ढाका का नेमी सागर चित्रकूट में फ्लैट है
- यह फ्लैट सुरेश ढाका के पिता मांगीलाल के नाम बताया जा रहा है
- यह फ्लैट ग्रुप हाउसिंग योजना आशापूर्ण एम्पायर में हैं
- जेडीए की प्रवर्तन टीम ने योजना के नक्शे खंगाले उसके अनुसार नापजोख की
- प्रथम दृष्टया भवन विनियमों का कोई उल्लंघन फिलहाल नहीं पाया गया है
- इस ग्रुप हाउसिंग इमारत की जांच के लिए जेडीए की प्रवर्तन शाखा जेडीए की ही आयोजना शाखा को पत्र लिखेगी
जेडीए की प्रवर्तन शाखा का मुख्य फोकस अभी अजमेर रोड स्थित रजनी विहार के मकान पर है. अगर निर्माणकर्ता खुद अपना निर्माण नहीं हटाता है और किसी तरह का अदालती आदेश नहीं आता है तो 13 जनवरी को इस आलीशान पर जेडीए की गाज गिरना तय है.