अब 'भैंस' भी कामधेनु ! गहलोत सरकार की पशुपालकों को सौगात, कामधेनु पशु बीमा योजना में शामिल होंगी भैंस; करीब 40 लाख परिवार होंगे लाभान्वित

जयपुर: कामधेनु गौवंश बीमा योजना में अब भैंसों का भी बीमा हो सकेगा. पशुपालन विभाग ने इसे लागू करने की तैयारी तेज कर दी है. पशुपालन एवं गोपालन विभाग के सचिव कृष्ण कुणाल ने इसे लेकर आज पशुधन भवन में समीक्षा बैठक ली. 

राज्य सरकार की फ्लैगशिप स्कीम कामधेनु बीमा योजना में अब भैंस भी शामिल होंगी. प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से 30 जून तक लगाए जा रहे महंगाई राहत कैंपों में अब कामधेनु बीमा योजना के तहत भैंसों का पंजीयन भी कराया जा सकेगा. पशुपालन विभाग ने इसके लिए तैयारी तेज कर दी है. पशुपालन और गोपालन विभाग के सचिव कृष्ण कुणाल ने इसे लेकर बुधवार को समीक्षा बैठक ली. साथ ही प्रदेशभर के अतिरिक्त निदेशकों और संयुक्त निदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. 

कृष्ण कुणाल ने कहा कि प्रदेशभर के पशुपालकों को राहत देने के लिए यह योजना शुरू की गई है. लम्पी जैसी आपदा फिर न आए. और यदि कोई आपदा होती है तो उसमें दुधारू गौवंश या भैंसों के पेटे मुआवजा मिल सके, इसके लिए कामधेनु बीमा योजना शुरू की गई है. योजना के तहत अब प्रत्येक परिवार के 2 गौवंश या भैंस वंश के पशुओं का बीमा कराया जा सकता है. इसके पेटे लगने वाले खर्च को अब पूरी तरह से राज्य सरकार वहन करेगी.

कामधेनु बीमा योजना में क्या ?
- योजना में अब पशुपालकों से बीमा प्रीमियम की राशि नहीं ली जाएगी
- प्रीमियम का भुगतान पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा
- 30 जून तक महंगाई राहत कैंपों में पशुपालक दुधारू पशुओं का पंजीयन करा सकते
- इसके लिए राज्य सरकार द्वारा गारंटी कार्ड भी दिया जा रहा
- अब तक 16 लाख परिवारों ने योजना के लिए पंजीयन करा लिया
- विभाग को करीब 40 लाख परिवारों के पंजीयन की है उम्मीद 
- राज्य सरकार योजना पर करीब 750 करोड़ रुपए वहन करेगी

पशुपालन सचिव ने बैठक के दौरान अधिकारियों से लंपी स्किन डिजीज को लेकर भी संवाद किया. दरअसल, पिछले साल मई में इन्हीं दिनों में लंपी स्किन डिजीज के केसेज मिलना शुरू हुए थे. गौवंश में पिछले साल जैसलमेर में सबसे पहले यह बीमारी सामने आई थी. इसे देखते हुए अब विभाग पहले से ही सतर्कता बरत रहा है. पशुपालन सचिव ने विभागीय अधिकारियों को जल्द ही 100 फीसदी गायों में वैक्सीनेशन करने को कहा है. साथ ही सभी जिलों के पशु चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयां रखने के निर्देश दिए हैं.

बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक, अतिरिक्त निदेशक और संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी शामिल हुए. साथ ही विभाग की उप सचिव कश्मी कौर ने विभागीय तैयारियों को लेकर प्रजेंटेशन दिया. पशुपालन विभाग की कोशिश है कि जल्द ही सभी लाभान्वित पशुपालकों का डेटा तैयार किया जाए, जिससे जुलाई से पशुपालकों को इस बीमा योजना से लाभान्वित किया जा सके.