जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि वरिष्ठ नागरिक हमारी अमूल्य धरोहर है. भारतीय संस्कृति में बुजुर्गों को विशेष आदर और सम्मान दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि इन्हीं भावनाओं के साथ अगस्त, 2013 में वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की गई थी. उन्होंने कहा कि योजना के तहत अभी तक 1.17 लाख वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा कराई जा चुकी है. गहलोत ने को जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत रामेश्वरम-मदुरै जाने वाले यात्रियों को सम्बोधित किया.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार योजना के विस्तार में नए तीर्थ स्थलों को भी जोड़ रही है. इसमें राज्य सरकार सम्पूर्ण खर्च वहन करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पांच साल में सिर्फ 47 हजार यात्रियों को ही तीर्थ यात्रा कराई गई, जबकि हमने योजना में नए तीर्थ स्थल जोड़कर इसे आगे बढ़ाया. इस साल की बजट घोषणा के अनुरूप 40 हजार लोगों को यात्रा कराई जाएगी. साथ ही कोरोना काल में वंचित एक लाख यात्रियों को भी दो साल में तीर्थ दर्शन कराया जाएगा.
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार तीर्थ यात्रियों के आवागमन, भोजन, आवास, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रही है. यात्रियों की सेवा में प्रत्येक कोच में दो सरकारी कर्मचारी, एक चिकित्सक और दो नर्सिंगकर्मी साथ रहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान शुरू हुई मोक्ष कलश योजना में अब तक 86 हजार लोगों को अस्थियां विसर्जित करने के लिए यात्रा कराई गई.
यात्रियों को 10 हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा:
अब यह स्थायी रूप से लागू कर दी गई है. साथ ही, कैलाश मानसरोवर यात्रा में प्रति यात्री एक लाख रुपए तथा सिन्धु नदी के दर्शनार्थ जाने वाले यात्रियों को 10 हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना-2023 के अंतर्गत प्रथम रेलगाड़ी जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से रामेश्वरम के लिए रवाना की गई. इसमें जयपुर से लगभग 520 और कोटा से 340 यात्री हैं.