Rajasthan Politics: प्रदेश के सियासी महासंग्राम में वार और भाजपाइयों में चर्चाएं, अब अगले 3 महीने राजस्थान की सियासत के देखे जाएंगे कई चेहरे !

जयपुर: सचिन पायलट के प्रेसवार्ता बुलाकर पिछली वसुंधरा सरकार पर भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप पर सियासी महासंग्राम में वार और भाजपाइयों में चर्चाएं शुरू हो गई है. कांग्रेस पहले से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साध रही है. अब कल पूर्ववर्ती सरकार के बहाने सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे पर निशाना साधा है. जिस पर राजेंद्र राठौड़ के अलावा गजेंद्र सिंह शेखावत ने जवाब दिया है. 

दोनों ने कांग्रेस की सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन करने की अपील की है. अब प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया के जवाब का भी इंतजार रहेगा. वहीं पायलट के अनशन में भाजपा विधायकों की मौजूदगी भी गिनेगी. भाजपा भी इस अंदरूनी झगड़े को लेकर 'वेट एंड वाच' की स्थिति में है. क्योंकि सचिन पायलट के भाजपा में जाने की अफवाहों में फिलहाल कोई दम नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में अब अगले 3 महीने राजस्थान की सियासत के कई चेहरे देखे जाएंगे. 

दूसरी ओर भाजपा सियासत में भी नई जुगलबंदियां देखी जा सकती है. ऐसे में कर्नाटक चुनाव के बाद ही प्रदेश में दोनों दलों की दिशा और दशा तय होगी. लेकिन भाजपा भी मानती है कि सचिन पायलट द्वारा अनशन जैसा फैसला यूं ही नहीं लिया गया है. अनशन के फैसले में भाजपा भविष्य की बड़ी सियासत भी देख रही है. जिसका आकलन फिलहाल शायद ही हो पाए. अब इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा आलाकमान भी नजर बनाए हुए है. 

पिछली वसुंधरा सरकार में भ्रष्टाचार और घोटालों के मामले में गहलोत सरकार पर नरमी बरतने का आरोप लगाया:
आपको बता दें कि सचिन पायलट ने रविवार को प्रेसवार्ता बुलाकर पिछली वसुंधरा सरकार पर भ्रष्टाचार और घोटालों के मामले में अशोक गहलोत सरकार पर नरमी बरतने का आरोप लगाया है. वहीं AICC के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट के तरीके पर सवाल खड़ा करते हुए इसे पूर्ण रूप से गलत बताया है. रंधावा का कहना है कि अगर कोई बात थी तो पहले उन्हें उनके सामने उठाना चाहिए था.