जयपुर: विधायकों के त्यागपत्र के मसले पर सियासत उफान पर है. बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पहले निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है.
लोढ़ा ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव में भारत के संविधान के अनुच्छेद 190 (3) (ख) के प्रावधान का उल्लेख किया है, जो कि त्याग पत्र से संबंधित है. इसी तरह प्रस्ताव में राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया था कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 173 (2) का भी प्रस्ताव में उल्लेख है, जो कि सदस्यों के त्याग पत्र से संबंधित है.
विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार लोढा ने प्रस्ताव में कहां कि सदस्यों के त्याग पत्र का मामला विचाराधीन था. विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रकरण में अपना कोई निर्णय नही दिया था. इससे पूर्व ही 1 दिसम्बर 2022 को जनहित याचिका हाइकोट में प्रस्तुत की गई. इससे न केवल विधानसभा अध्यक्ष की अवमानना की गई है, बल्कि राजस्थान विधानसभा के विशेष अधिकारों का भी हनन किया गया.
विधानसभा में विशेष अधिकार हनन का प्रस्ताव उठाने की अनुमति मांगी:
लोढ़ा ने इस प्रस्ताव के जरिये 24 जनवरी को राजस्थान विधानसभा में विशेष अधिकार हनन का प्रस्ताव उठाने की अनुमति मांगी है. लोढ़ा ने विधानसभा सचिव महावीर प्रसाद शर्मा को संयम लोढ़ा ने प्रस्ताव सौंपा है. अब इस मसले पर स्पीकर डॉ सीपी जोशी सदन में रुख प्रस्तुत कर सकते हैं.