Rajasthan Politics: राजेंद्र सिंह गुढ़ा को शिवसेना शिंदे गुट ने दिया ऑफर !

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को पद से बर्खास्त करने के बाद अब राजेंद्र सिंह गुढ़ा को शिवसेना शिंदे गुट के ऑफर देने की जानकारी सामने आ रही है! राजस्थान में शिंदे गुट की कमान चंद्रराज सिंघवी के हाथों में है. चंद्राराज सिंघवी ने कहा कि गुढ़ा ने सही बात कही है. हम गुढ़ा का सम्मान करते हैं. शिवसेना शिंदे गुट गुढ़ा के साथ है. वो साथ आना चाहे तो सम्मान पूर्वक स्वागत है. चंद्रराज सिंघवी ने इस बारे में रात 12 बजे प्रेस कॉन्फेंस रखी. 

वहीं दूसरी ओर ये भी सवाल किया जा रहा है कि क्या राजेंद्र गुढ़ा ओवैसी की पार्टी ज्वाइन करेंगे? AIMIM सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर मिल रही है. राजेंद्र गुढ़ा अगले अफ्ते पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. राजेंद्र गुढ़ा को AIMIM का प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है. हाल ही में राजेंद्र गुढ़ा ने असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की थी. मुलाकाते के बाद राजेंद्र गुढ़ा ने बयान दिया था कि जल्द ही बहुत कुछ होगा, देखते जाइए. 

आपको बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को पद से बर्खास्त करने का साहसिक फैसला लिया है!  गुढ़ा लगातार सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे थे. गहलोत बार-बार गुढ़ा के बयानों को इग्नोर कर रहे थे. लेकिन इस बार गहलोत ने शुक्रवार के बयान को सीरियस लिया और देर सवेर ही सही, लेकिन दो टूक फैसला ले ही लिया.

इस सरकार के कार्यकाल में गुढ़ा चौथे मंत्री है जो बर्खास्त हुए:
इस सरकार के कार्यकाल में गुढ़ा चौथे मंत्री है जो बर्खास्त हुए हैं. इससे पहले सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को बर्खास्त किया गया था और अब राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा में दिए बयान पर बर्खास्त किया है. गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में सरकार को मणिपुर घटना की जगह खुद के गिरेबां में झांकने की नसीहत दी थी. गुढ़ा के इस बयान के बाद पूरे विपक्ष ने विधानसभा में सरकार को घेरा था. 

 

सरकार के संकट के समय बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे:
आपको बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनूं के उदयपुरवाटी से बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था. लेकिन सरकार के संकट के समय बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे. गुढ़ा उदयपुरवाटी में एक दबंग नेता के रूप में जाने जाते हैं. गुढ़ा के रिश्ते मुख्यमंत्री गहलोत के साथ बनते और बिगड़ते रहे हैं. गहलोत सरकार के इस कार्यकाल से पहले भी वो एक बार उन्हें समर्थन दे चुके हैं. इसी पौटर्न पर बसपा से गुढ़ा समेत 6 विधायक 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए थे.