राजस्थान इस मानसून सामान्य से 64.03 प्रतिशत ज्यादा बारिश, प्रदेश के बांधों में आया कुल भराव क्षमता का 84.18 प्रतिशत पानी

राजस्थान इस मानसून सामान्य से 64.03 प्रतिशत ज्यादा बारिश, प्रदेश के बांधों में आया कुल भराव क्षमता का 84.18 प्रतिशत पानी

जयपुर : राजस्थान में इस मानसून सामान्य से 64.03 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है. प्रदेश के बांधों में कुल भराव क्षमता का 84.18 प्रतिशत पानी आ गया है. 22 बड़े बांधों में कुल भराव क्षमता का 90.82 प्रतिशत पानी आ गया है. प्रदेश में इस मानसून अब तक 376 बांध ओलरफ्लो हो गए हैं. पिछले 10 घंटे के दौरान 10 बांध ओवरफ्लो हुए हैं.

वहीं जल संसाधन विभाग ने राजस्थान के बड़े बांधों के वर्तमान जलस्तर के आंकड़ा को जारी कर दिया है. कोटा बैराज में 97.09 प्रतिशत पानी, राणा प्रताप सागर में  93.73 प्रतिशत पानी, माही बजाज सागर में 95.95 प्रतिशत पानी, टोंक के बीसलपुर बांध में 100.00 प्रतिशत पानी, दौसा के मोरेल बांध में 100.00 प्रतिशत पानी, धौलपुर के पार्वती बांध में 99.78 प्रतिशत पानी आ गया है.

बूंदी के गुढा बांध में 99.43 प्रतिशत पानी, पाली के जवाई बांध में 62.83 प्रतिशत पानी, भीलवाड़ा के मेजा बांध में 55.77 प्रतिशत पानी, डूंगरपुर के सोम कमला अंबा में 90.54 प्रतिशत पानी, राजसमंद बांध में 62.62 प्रतिशत पानी, सलूंबर के जयसमंद में 56.49 प्रतिशत पानी, प्रतापगढ़ के जाखम बांध में 93.52 प्रतिशत पानी, झालावाड़ के कालीसिंध में बांध में 67.94 प्रतिशत पानी आ गया है.

करौली के पांचना बांध में 89.10 प्रतिशत पानी, पाली के सरदार समंद बांध में 100.00 प्रतिशत पानी, कोटा के जवाहर सागर बांध में 74.83 प्रतिशत पानी आ गया है. वहीं पिछले 24 घंटों में 75 बांधों में पानी की सबसे ज्यादा आवक करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़, धौलपुर, दौसा, भरतपुर जिले के बांधों में हुई है. धौलपुर के उर्मिलासागर में 143 एमएम बारिश हुई है. 

सवाई माधोपुर के मानसरोवर में 104 एमएम बारिश हुई है, झालावाड़ के परवन में 66 और छापी बांध में 63 एमएम बारिश हुई है. करौली पांचना बांध में 67 एमएम बारिश दर्ज की गई है.

अगर बात करें बीसलपुर बांध की तो  7वें दिन भी बांध के 6 गेट खुले हुए हैं. डाउनस्ट्रीम में 24 हजार क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है. गेट नंबर 9 और 10 को 1 मीटर खोलकर डिस्चार्ज किया जा रहा है. गेट नंबर 7, 8, 11, 12 आधा मीटर खुले हुए हैं. त्रिवेणी से लगातार पानी की आवक बनी हुई है.