जयपुर: रोडवेज बसों में यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करना अब बहुत महंगा पड़ सकता है. बस में बिना टिकिट पाए जाने पर निर्धारित किराए से 10 गुना के बराबर राशि वसूली जाएगी. राजस्थान रोडवेज की बसों में बिना टिकिट यात्रा करने वाले यात्रियों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी. रोडवेज प्रबंधन ने अधिभार राशि की वसूली के संबंध में पूर्व में जारी आदेशों के स्थान पर संशोधित आदेश जारी किए हैं. नए आदेशों के अनुसार बस में अब बिना टिकिट मिलने वाले यात्री से तय किराये के मुकाबले 10 गुना राशि वसूल की जाएगी.
लंबे समय से रोडवेज के परिचालक पैसेंजर फॉल्ट के इस नियम को लागू करने की मांग कर रहे थे यह बड़ी मांग पूरी होने के बाद रोडवेज के परिचालकों ने एक स्वर में इसका स्वागत किया है. मौजूदा समय में बसों को चेक करने वाले निरीक्षकों का ध्यान पैसेंजर फ़ॉल्ट की जगह परिचालकों के रिमार्क लगाने पर होता है. जबकि बसों में बड़ी संख्या में ऐसे यात्री होते हैं जो टिकिट नहीं लेते हैं. अभी तक हो रही एकतरफ़ा कार्रवाई से रोडवेज को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा था परिचालकों को भी कई जगह टारगेट बना कर रिमार्क लगाया जा रहा था, लेकिन अब पैसेंजर फॉल्ट लागू होने के चलते परिचालकों पर टारगेट बना कर कार्रवाई नहीं हो सकेगी साथ ही यात्रियों से जुर्माना वसूलने से रोडवेज की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो सकेगी. अधिभार राशि वसूलने के आदेशों से रोडवेज की बसों में बिना टिकिट यात्रा करने की प्रवृत्ति भी कम हो सकेगी.
उपमुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा के निर्देशों पर रोडवेज को घाटे से उबारने एवं राजस्व अर्जन में वृद्धि लाने के सार्थक प्रयासों पर जोर दिया जा रहा है. निगम में वाहन निरीक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाने और निगम राजस्व में वृद्धि के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, रोडवेज MD ने बताया कि ज्यादातर निरीक्षकों द्वारा वाहन निरीक्षण के दौरान बिना टिकट यात्रियों से अधिभार राशि की वसूली नहीं की जाती है. ऐसे में पूर्व में जारी आदेशों को संशोधित कर बिना टिकट यात्रा करते हुए पाए जाने पर यात्री भाड़े के 10 गुना के बराबर या 2000 रुपए जो भी कम हो, की वसूली की जाएगी.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में निरीक्षण कार्य करने वाले कार्मिकों के लिए भी प्रतिमाह 36 हजार रुपए अधिभार राशि वसूल किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पूर्व में निरीक्षकों के लिए यह लक्ष्य 3 बिना टिकट यात्री प्रकरण पकड़े जाने का था. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही निगम के किसी भी एक आगार के बस सारथियों, परिचालकों, चालकों के विरुद्ध एक माह में बिना टिकट यात्रा के कुल पांच या पांच से अधिक ऐसे प्रकरण पाए जाते हैं, जिनमें उन पर कार्रवाई की जा सकती है या की गई हो तो ऐसे मामलों में संबंधित आगार में कार्यरत कार्मिकों के विरुद्ध भी लापरवाही बरतने के आरोप में आरोप पत्र जारी करते हुए निलंबित किया जाएगा ताकि जांच प्रभावित न हो.