राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम, पर्यटन इकाईयों के लिए शहरों में आरक्षित की जाएगी भूमि, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भजनलाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अधिक से अधिक पर्यटन इकाईयों की स्थापना के लिए उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की राहत दी गई हैं. साथ ही वर्तमान में संचालित हैरिटेज होटल्स को भी प्रोत्साहित किया गया है. इसके लिए नगरीय विकास विभाग की ओर से विस्तृत आदेश जारी किए गए हैं.  

पर्यटन इकाईयों की स्थापना के लिए भूमि उपलब्ध कराने और उन्हें विभिन्न प्रकार की राहत देने के लिए नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया की ओर से विस्तृत आदेश जारी किए गए हैं. ये आदेश प्रदेश भर के विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास, आवासन मंडल, नगर परिषद,नगर निगम और नगरपालिकाओं पर लागू होंगे. आपको बताते हैं इस आदेश के तहत पर्यटन इकाईयों के लिए किस तरह भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.

-पर्यटन इकाईयों के लिए शहरों में आरक्षित की जाएगी भूमि
-मास्टर प्लान/जोनल प्लान और औद्योगिक क्षेत्रों में अधिकतम 5%भूमि की जाएगी आरक्षित
-आरक्षित भूमि में से पर्यटन इकाई के लिए भूमि होगी आवंटित
-पर्यटन इकाईयों के लिए उपयुक्त भूमि का किया जाएगा चयन
-भूमि चयनित कर नगरीय निकाय स्थापित करेंगे लैंड बैंक
-लैंड बैंक की सूचना निकाय की वेबसाइट पर होगी उपलब्ध
-जिस पर्यटन इकाई में 3 वर्षों में 100 करोड़ का निवेश होगा प्रस्तावित
-उस पर्यटन इकाई की स्थापना के लिए निकाय भूमि करेंगे आवंटित
-आवंटन के लिए आवेदन आने पर कर सकेंगे भूमि आवंटित
-पर्यटन इकाईयों के लिए सरकारी भूमि भी की जा सकेगी आवंटित
-इकाई के कुल क्षेत्रफल के 10%सीमा तक सरकारी भूमि दी जा सकेगी
-इकाई से लगती हुई या उसके बीच में स्थित है सरकारी भूमि
-तो निकाय कर सकेंगे सरकारी भूमि का आवंटन
-भूमि आवंटन से पहले निकाय करेंगे सुनिश्चित कि ऐसी सरकारी भूमि का स्वतंत्र उपयोग नहीं हैं संभव
-किसी पर्यटन इकाई के लिए पहुंच मार्ग अगर नहीं है उपलब्ध तो
-पहुंच मार्ग के लिए भी 10%सीमा तक दी जा सकेगी सरकारी भूमि
-सरकारी भूमि का आवंटन किया जाएगा डीएलसी दर पर
-किसी इकाई के लिए एक बार ही दी जा सकेगी सरकारी भूमि
-निकाय सुनिश्चित करेंगे कि आवंटित भूमि का हो उपयोग
-आवंटित सरकारी भूमि का उपयोग पर्यटन इकाई के लिए ही हो
-पर्यटन इकाईयों का निर्धारित अवधि में करना होगा निर्माण
-आवेदन के 60 दिन की अवधि में मंजूर किए जाएंगे भवन मानचित्र
-200 कमरों की पर्यटन इकाई का निर्माण 3 साल में करना होगा पूरा
-200 से अधिक कमरों की इकाई का निर्माण 4 साल में करना होगा पूरा
-जिन प्रकरणों में भवन मानचित्र की होगी आवश्यकता
-उन प्रकरणों में मानचित्र अनुमोदन की तिथि से होगी इस निर्माण अवधि की गणना
-संबंधित अधिकारी गुणावगुण के आधार पर निर्माण अवधि में कर सकेंगे एक वर्ष की बढ़ोतरी

नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव  वैभव गालरिया की ओर से जारी आदेश के तहत पर्यटन इकाईयों के लिए विभिन्न प्रकार के शुल्क में राहत दी गई है. इसके अलावा वर्तमान में कम चौड़ी सड़कों पर संचालित हैरिटेज होटल्स के नियमन का भी रास्ता खोला गया है.  

पर्यटन इकाईयों के लिए लैंड यूज चेंज शुल्क में मिलेगी पूरी छूट
भू रूपांतरण/90 ए की कार्यवाही साठ दिन में करनी होगी पूरी
भू रूपांतरण शुल्क में पहले ही दी जा चुकी है छूट
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत पंजीकृत उद्यमों के लिए छूट दी जा चुकी है
इसके लिए विभाग की ओर से 20.12.24 को अधिसूचना जारी की गई थी
इस अधिसूचना के अनुसार भू रूपांतरण के आवेदन पर देनी होती है केवल 25%शुल्क
उद्यम स्थापित करने के बाद इस राशि का उद्यमी को होता है पुनर्भरण
इसी अधिसूचना के तहत पर्यटन इकाईयों को भी दी जाएगी छूट
प्रदेश भर में चल रहे हैरिटेज होटलों की व्यावसायिक गतिविधियों को नियमित किया जा सकेगा
वर्तमान में चल रहे हैरिटेज होटल्स में कुल कवरेज एरिया का 10%
अथवा अधिकतम 1 हजार वर्गमीटर,जो भी अधिक हो
उस सीमा तक व्यावसायिक गतिविधियां की जा सकेंगी नियमित
इसके तहत स्थानीय हैण्डीक्राफ्टस व आर्ट के प्रोत्साहन की दुकानें,
रेस्टोरेंट और बार अनुज्ञेय किए जा सकेंगे
बशर्ते व्यवसायिक गतिविधियों से पुरातत्व संपत्तियों अथवा हैरिटेज होटल के फसाड में नहीं हो कोई बदलाव
न्यूनतम चौड़ाई से कम चौड़ी सड़क पर स्थित हैरिटेज होटल किए जा सकेंगे नियमित
वर्तमान में संचालित हैरिटेज होटल्स/हैरिटेज प्रोपर्टी/रेस्टोरेंट हो सकेंगे नियमित
बशर्ते अन्यत्र डेडीकेटेड पार्किंग की सुविधा हो उपलब्ध और
होटल तक पार्क एंड राइड की सुविधा भी कराई गई हो उपलब्ध
ऐसी स्थिति में गुणावगुण के आधार पर निकाय अधिकारी कर सकेंगे फैसला
ऐसी इकाईयों के नियमन का संबंधित अधिकारी कर सकेंगे फैसला
पर्यटन इकाईयों के लिए मिलेगा दुगुना BAR(बिल्ड एरिया रेश्यो)
इन इकाईयों के लिए दुगुना मतलब 4 मिल सकेगा BAR
इसके लिए नहीं देनी होगी किसी प्रकार की बेटरमेंट लेवी
इससे अधिक BAR के लिए देनी होगी बेटरमेंट लेवी
नीति के तहत पंजीकृत पर्यटन इकाईयों के लिए सकल निर्मित क्षेत्रफल पर ही बीएसयूपी शैल्टर फंड देय होगा देय
लीज राशि की गणना होगी आवासीय दर पर
भवन मानचित्र अनुमोदन व अन्य शुल्क औद्योगिक दरों पर लिए जाएंगे.