कोच्चि : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के अवसर पर कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि विश्व हमारी संस्कृति को स्वीकार रहा है और उसे अपना भी रहा है. राजनाथ ने यहां भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सवार नौसेना कर्मियों के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लिया.
भारत के लिए गर्व की बात:
कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि आज विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है और यह दिखाता है कि हमारी समृद्ध संस्कृति व विरासत को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया जा रहा है और अपनाया भी जा रहा है. राजनाथ ने कहा कि योग को नौ साल पहले संयुक्त राष्ट्र ने स्वीकार किया, जबकि सदियों से भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में योगाभ्यास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आजकल बहुत से लोग व्यस्त दिनचर्या के कारण विभिन्न शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं से पीड़ित हैं तथा इसका एकमात्र प्रभावी समाधान योग है.
रक्षा मंत्री ने विशाल विमानवाहक पोत पर योग समारोह का नेतृत्व किया:
रक्षा मंत्री ने सुबह-सुबह विशाल विमानवाहक पोत पर योग समारोह का नेतृत्व किया और नौसेना कर्मियों के साथ करीब एक घंटे तक योगासन भी किए. समारोह में 'अग्निवीरों' ने भी एकता और कल्याण की भावना को आत्मसात करते हुए योग किया. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और नौसेना तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत द्वारा पेश किए गए और बड़ी संख्या में देशों द्वारा सह-प्रायोजित किए गए एक प्रस्ताव पारित को करने के बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी. पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था. सोर्स भाषा