राजपाल यादव ने शेयर की अपनी स्ट्रगल जर्नी, इन डायरेक्टर्स को बताया अपना त्रिदेव

मुंबई : राजपाल यादव इस पीढ़ी के शानदार कॉमेडी एक्टर में से एक हैं, कद में छोटे, लेकिन प्रतिभा में बड़े अभिनेता पर ये कहावत पूरी तरह से फिट बैठती है कि अच्छी चीजें छोटे पैकेज में आती हैं.

अपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाने वाले राजपाल दशकों से हमें गुदगुदाते आ रहे हैं.  एक्टर ने फर्स्ट इंडिया के आशीष तिवारी से अपनी जर्नी और अन्य चीजों के बारे में खास बातचीत की.

अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्री में हम एक परिवार हैं जहां हम सभी को एक ही समय में सफलता और असफलता का सामना करना पड़ता है. शुरू में मुझे पढ़ाई के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ा, खासकर जर्नी के दौरान. आज सब कुछ विकसित हो गया है, मैं उस कहावत का जीता-जागता उदाहरण हूं कि कमल कीचड़ में खिलता है और मैं जर्नी के लिए आभारी हूं.

उन्होंने कहा कि मैं अक्सर अपनी मां से पूछता हूं कि क्या मैं बचपन में ऐसा था, और वह हमेशा मुझसे कहती हैं कि मैं दूसरों से अलग था और आज मुझे एहसास हुआ कि यह मेरे अंदर का अभिनेता था जिसने मेरे पूरे पड़ोस का मनोरंजन किया. मैंने अपने परिवार को अभिनेता होने के बारे में कभी नहीं बताया, मैं उन्हें कारण बताता रहा लेकिन यह बताने से परहेज करता हूं कि मैं थिएटर और मनोरंजन उद्योग में काम कर रहा हूं. मेरे गांव में थिएटर सिर्फ एक शौक था पेशा नहीं. एक बात निश्चित थी कि मेरे माता-पिता और दोस्त को मुझ पर विश्वास था कि मैं जो भी करूंगा वह मेरे परिवार के लिए अच्छा होगा.

एक्टिंग में आने पर अपने परिवार के रिएक्शन को शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि जब मुझे मुंगेरी का भाई नौरंगीलाल में भूमिका मिली तो मैं चौंक गया क्योंकि यह मेरे पिता का नाम भी था, मैंने प्रकाश झा सर को इस बारे में बताया और वह इसे लेकर काफी उत्साहित थे. जब मैं अपनी अगली फिल्म की शूटिंग के लिए बिहार गया तो दर्शकों ने मुझे पहचान लिया, वह घटना मेरी यादों में बसी हुई है. बेहतर काम करने के लिए यही मेरी प्रेरणा थी.

सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों के साथ काम करने के अपने अनुभव को शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पिछले 20 वर्षों से डेविड धवन, प्रियदर्शिनी सर और रामूजी के साथ काम कर रहा हूं, वे मेरी यात्रा के पीछे त्रिदेव रहे हैं. अगर वे नहीं होते तो मेरा मानना है कि राजपाल यादव आज जो हैं, वह नहीं होता. मैं उन्हें कितना भी चाहूं लेकिन धन्यवाद नहीं दे सकता. साथ ही मैंने जितने भी निर्देशकों के साथ काम किया है, मैं उनके लिए बहुत आभारी हूं.

विभिन्न भूमिकाओं में काम करने के बारे में उन्होंने बताया कि मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं के मेरे लिए सभी चरित्र भूमिकाएं करने के रास्ते खोले, आज तक मैं कोशिश करता रहता हूं कि मेरे लिए सभी रास्ते खुले रहें. मुझे एक ऑलराउंडर बनना पसंद है जैसे कि क्रिकेट के मैदान में होता है.

इसके अलावा उन्हें और भी कई बातों कर बात करते हर और अपनी राय रखते हुए देखा गया. जानने के लिए देखें पूरा इंटरव्यू.