VIDEO: रामगढ़ पर फटे बादल तभी भरेगा बांध, हाईकोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी ने कहा- पुराने अतिक्रमण नहीं हटे और नए अतिक्रमण हो गए काबिज

जयपुर: रामगढ़ की राह में आए अतिक्रमण कम होने की जगह बढ़ते जा रहे हैं. हाई कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी ने माना है कि रामगढ़ पर बादल फटेंगे तभी बांध में पानी आ सकता है. ऐसे में साफ हो गया कि रामगढ़ के बहाव क्षेत्र से आए पानी ने बांध भरना संभव नहीं. मॉनिटरिंग कमेटी ने कहां देखें अतिक्रमण और आगे क्या होगा.

बरसों तक जयपुर की चारदीवारी को पेयजल आपूर्ति करने वाला रामगढ़ बांध 20 साल से सूखा पड़ा है और इस दौरान बहाव क्षेत्र में अतिक्रमणों की बाढ़ सी आई. वर्ष 2011 में हाई कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी का गठन होने के बाद दावा किया गया कि रामगढ़ के बहाव क्षेत्र के अतिक्रमण हटाए गए, लेकिन अब तक पानी की आस बनी हुई है. पिछले सालों के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी ने लगातार अतिक्रमण देखे, लेकिन विभागों की लापरवाही के चलते बड़े अतिक्रमणों पर कार्रवाई तक नहीं हुई. हालात यह हो गए कि अवैध अतिक्रमण वैध अतिक्रमण हो गए. पिछले साल भी मॉनिटरिंग कमेटी ने 16 बड़े अतिक्रमण देखे और उन्हें हटाने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश भी दिए. एक साल बाद कमेटी आज फिर से रामगढ़ के बहाव क्षेत्र में पहुंची, तो अतिक्रमण देख दंग रह गई. 

--- रामगढ़ बांध एक नजर में --- 
वर्ष 1903 में बना था बांध 
बांध की भराव क्षमता है 2.65 TMC
बांध से 2005 तक जयपुर को मिला रहा पेयजल
बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के बाद 2006 में नहीं भरा बांध 
वर्ष 2011 में बनी हाई कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी 
अब हाई कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी पहुंची बांध के रोड़े देखने 
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत भरा जाएगा बांध
ईसरदा बांध से लाया जाएगा रामगढ़ बांध में पानी 
रामगढ़ तक पानी लाने की योजना पर खर्च होंगे 1250 करोड़ रुपए 
बांध तक पानी लाने का काम 2027 तक करना होगा पूरा 
ईसरदा से अधिशेष रहे पानी रामगढ़ में 1.95 TMC पानी डाला जाएगा 

--- जून, 2024 में इन अतिक्रमण चिन्हित किए---
-दिल्ली रोड पर कूकस बांध के डूब क्षेत्र में डालमिया की ओर से तैयार दीवार
-कूकस बांध की आवक नदी कचरेवाला में वन विभाग ने खाई खोदकर मिट्टी नदी में डालने से बहाव क्षेत्र बंद
-कूकस बांध के डूब क्षेत्र में श्री निवास फार्म हाउस और वहां आवागमन के लिए बनाई सड़क डूब क्षेत्र में 
-जैतपुरा कालिका माता मंदिर के पास एनीकट की ऊचाई दो मीटर कम करने के निर्देश
-कांट गांव स्थित सिल्टेड एनिकट तक पहुंचने के लिए बहाव क्षेत्र में सड़क निर्माण 
-माधो वेणी नदी के ग्राम नवलपुरा के बहाव क्षेत्र में गौशाला तारबंदी 
-माधोवेणी नदी के चैनलाइजेशन के लिए जल संसाधन विभाग को मिले निर्देश. 
-रोड़ा नदी के उद्गम स्थल पर नदी के बहाव क्षेत्र में 30 फीट ऊंची मिट्टी की दीवार हटाने के निर्देश. 
-रोड़ा नदी के उद्गम स्थल से रामगढ़ बांध तक सर्वे करवाकर चैनलाइजेशन कार्य के निर्देश 
-गांव सीरा का बास में पीडब्ल्यूडी ने किया बहाव क्षेत्र में सीसी रोड का निर्माण. साथ ही गांव के डाउन स्ट्रीम में निजी व्यक्ति द्वारा बाउंड्रीवाल का निर्माण 
-रामगढ़ बांध की डिसिल्टिंग और डूब क्षेत्र में बबूल के पेड़ों की नीलामी के निर्देश
-ग्राम टोडा मीणा के पहाड़ों के बीच निर्माणाधीन रिसोर्ट से पहाड़ों से आने वाले पानी का बहाव क्षेत्र प्रभावित मिला. रिसोर्ट कर्ता ने बिना ले-आउट अनुमोदन के पहाड़ों के पानी का बहाव क्षेत्र अवरुद्ध 
-बाणगंगा नदी के सहायक नाले के बहाव क्षेत्र में बनी सीसी रोड हटाने के निर्देश
-सामरेड कला के नाले के समीप माइनिंग का काम, नाले में डाला जा रहा मलवा
-बाणगंगा नदी के उद्गम स्थल पर वन विभाग ने खाई खोदकर मिट्टी नदी के बहाव क्षेत्र में डाली, जिससे नदी का बहाव क्षेत्र अवरुद्ध हो गया. साथ ही पंचायती राज विभाग ने बहाव क्षेत्र में ही सड़क का निर्माण 
-बाणगंगा नदी उद्गम स्थल से ताला मोड़ तक नदी का सर्वे कर चैनलाइजेशन कार्य करने के निर्देश

मॉनिटरिंग कमेटी में शामिल वीरेन्द्र डांगी आठ विभागों की टीम के साथ बहाव क्षेत्र का दौरा शुरू किया. कमेटी ने कचरावाला नदी की स्थिति को देख अफसोस जारी किया. मौके पर पुराने अतिक्रमण जस के तस काबिज मिले. बल्कि नदी के बहाव क्षेत्र को ही  मौड़ दिया. इस मानसून रामगढ़ के बहाव क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई, लेकिन अतिक्रमणों के चलते बांध तक पानी नहीं पहुंच सका. मॉनिटरिंग कमेटी ने कचरा वाला में वन विभाग की जमीन पर भी कई वैध अतिक्रमण देखे, जिन्होंने कई प्राकृतिक नालों का रास्ता रोक दिया. इस स्थिति को देखने के बाद कमेटी ने कह दिया कि रामगढ़ में बादल फटे तभी बांध में पानी की आवक हो सकती है.