कोटपूतली: कोटपूतली के किरतपुरा में ऑपरेशन चेतना को चलते हुए लगभग 150 घंटे पूरे हो गए हैं. आज सातवें दिन भी प्रशासन के हाथ खाली हैं. अभी टनल की खुदाई चल रही है. टनल में कठोर पत्थर आने से देरी हो रही है. पत्थर को तोड़ने के लिए माइंस विशेषज्ञ से राय ली गई है. शिफ्ट वाइज पेयर्स टनल में जाकर कर खुदाई रहे हैं. कोटपूतली विधायक हंसराज पटेल, कलक्टर कल्पना अग्रवाल सहित सभी अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
आपको बता दें कि रविवार को भी कोटपूतली के कीरतपुरा गांव में 3 साल की मासूम चेतना को बोरवेल से सुरक्षित निकालने के लिए 150 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. प्रशासन और NDRF-SDRF की टीमें बच्ची तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक के सारे प्लान फेल साबित हुए हैं. इधर, मासूम के पिता का रो-रो कर बुरा हाल है, अब तो आंसू सूखते जा रहे हैं. इस हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे अधिक संसाधन उपयोग करने के बावजूद भी नतीजा शिफर ही रहा है.
बताया जा रहा है कि अब तक जितने भी बोरवेल हादसे हुए हैं सबसे अधिक संसाधन कोटपूतली बोरवेल हादसे में उपयोग लिए जा चुके हैं जिसमें 3 जेसीबी मशीन, दो पाइलिंग मशीन, 2 क्रेन, 10 ट्रैक्टर सहित आदि मशीनरी का उपयोग किया जा चुका है, लेकिन अभी तक भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. जानकारी के अनुसार NDRF और प्रशासन के हाथ खाली हैं और किसी के पास इस बात का जवाब नहीं है कि कब तक यह ऑपरेशन कंप्लीट कर लिया जाएगा. आज सातवें दिन भी 3 साल की मासूम चेतना को बाहर नहीं निकाला जा सका है.
प्लान A फेल होने के बाद प्लान B का उपयोग:
आपको बता दें कि चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए प्लान A फेल होने के बाद प्लान B को उपयोग में लाया गया, लेकिन अभी तक उससे भी कोई परिणाम नहीं निकला है. वहीं, शुक्रवार दोपहर बाद बारिश आने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था. घटनास्थल पर 7 दिन से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन सफल नहीं होने की वजह से अब रेस्क्यू टीम और प्रशासन की प्लानिंग पर सवाल उठने लगे हैं. अगर परफेक्ट प्लानिंग के तहत काम किया गया होता तो शायद अब तक ये रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब हो चुका होता.