जयपुर: ग्रेटर नोएडा में आयोजित रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो का ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शुभारंभ किया. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए नागर ने कहा कि क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. राजस्थान में सोलर ऊर्जा उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं.
इस क्षेत्र में निवेशकों की पहली पसंद राजस्थान के पास सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त रेडिएशन है. रेगिस्तान के रूप में हमारे पास जमीन और सोलर प्रोजेक्ट लगाए जाने की बेहतरीन दशाएं मौजूद है. किसी भी देश की जीडीपी को बढ़ाने के लिए बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके बिना विकास को गति देना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है.
राजस्थान में आज लगभग 22 हजार मेगावाट से अधिक सोलर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है. लेकिन राज्य के लिए जो उपयोग हो रहा है वह लगभग 5000 मेगावाट ही है. बाकी सरप्लस सोलर एनर्जी हम अन्य राज्यों को देने का काम कर रहे हैं. इस ऊर्जा का उपयोग प्रदेश में हो, इसके लिए प्रसारण क्षमता को मजबूत कर रहे हैं. आज सौर ऊर्जा से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य देश के PM नरेंद्र मोदी ने तय किया है. उस लक्ष्य को पूरा करने में राजस्थान बड़ी भूमिका निभाएगा.
नागर ने आगे कहा कि CM भजनलाल शर्मा की पहल पर "राइजिंग राजस्थान कॉन्क्लेव' आयोजित हो रहा है. इस वर्ष दिसंबर माह में आयोजित होने जा रहे "कॉन्क्लेव" में इन्वेस्टर्स को आमंत्रित किया गया है. राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र सहित किसी भी अन्य संभावित क्षेत्र में निवेश के लिए जो भी उद्यमी आगे आना चाहते हैं. वह राइजिंग राजस्थान कॉन्क्लेव में आकर सरकार के साथ भागीदारी को आगे बढ़ा सकते हैं.
राजस्थान सरकार औद्योगिक प्रोजेक्ट लगाने के लिए निवेशकों को उपयुक्त सभी सुविधाएं रियायतें प्राथमिकता के साथ देने के लिए तैयार हैं. राज्य सरकार ने निवेशकों के हित में नीतिगत स्तर पर कई सकारात्मक फैसले लिए हैं. हमारी सरकार ने 9 महीने के कार्यकाल में 32000 मेगावाट बिजली उत्पादन के संयंत्र लगाने के MoU साइन किये हैं. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान में सोलर ऊर्जा सहित सम्पूर्ण रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को और अधिक मजबूत बनाया जाए. ताकि राज्य के साथ-साथ देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके.