जयपुर: राजस्थान रियल एस्टेट रेग्युलेटरी ऑथॉरिटी की ओर प्रदेश में नए रेगुलेशंस लागू कर दिए गए हैं. इन रेगुलेशंस में रेरा से जुडे़ विभिन्न कार्यों की विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की है. राजस्थान में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी एक्ट 1 मई 2017 को लागू किया गया था. इसके बाद अब तक राजस्थान रेरा की ओर से विभिन्न आदेश और परिपत्र जारी किए गए हैं. राजस्थान रेरा की ओर से अधिसूचित किए गए इन नए रेगुलेशंस में इन सभी का समावेश किया गया है.
इन रेगुलेशंस में रेरा से जुड़े समस्त प्रकार के कार्यों के लिए विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है. प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन,रजिस्ट्रेशन की अवधि बढ़ाना,प्रोजेक्ट के खातों का रखरखाव, प्रोजेक्ट के विज्ञापन, प्रोजेक्ट को लेकर शिकायत दर्ज,रियल एस्टेट एजेंट का रजिस्ट्रेशन आदि मामलों की प्रक्रिया निर्धारित की गई है. साथ ही किस प्रक्रिया के लिए क्या दस्तावेज आवश्यक होंगे. ये भी इन रेगुलेशंस में निर्धारित कर दिए गए हैं. आपको ऐसे ही कुछ मामलों की निर्धारित विस्तृत प्रक्रिया की जानकारी देते हैं.
रेरा ने अधिसूचित किए नए रेगुलेशंस:
- प्रोजेक्ट के विज्ञापन में अब क्यू आर कोड भी प्रदर्शित करने होगा
-ताकि इच्छुक व्यक्ति को क्यू आर कोड स्कैन करते ही प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी मिल जाए
-प्रमोटर को प्रोजेक्ट के लिए बैंक में तीन तरह के अकाउंट खोलने होंगे
-एक कलेक्शन अकाउंट,दूसरा रेरा रिटेंशन अकाउंट और तीसरा प्रमोटर अकाउंट होगा
-कलेक्शन अकाउंट में आवंटियों से प्राप्त समस्त राशि जमा की जाएगी
-रेरा रिटेंशन अकाउंट में कलेक्शन अकाउंट से अधिकतम 70 फीसदी राशि हस्तांतरित की जाएगी
-प्रमोटर अकाउंट में कलेक्शन अकाउंट से अधिकतम 30 फीसदी राशि हस्तांतरित की जाएगी
-रेरा में प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए किए जाने वाले आवेदन के साथ इन तीनों अकाउंट की जानकारी देनी होगी
-रेरा रिटेंशन अकाउंट की राशि से प्रोजेक्ट का समस्त निर्माण कार्य किया जाएगा
-इसको लेकर प्रमोटर नियमित रूप से रेरा को जानकारी देगा
-रेरा के आदेशों या फैसलों को लागू करने के लिए रेरा में ही अलग से विंग का गठन किया जाएगा
- रेरा अपने आदेशा या फैसलों की पालना सुनिश्चित कराने के लिए संबंधित व्यक्ति को नोटिस देकर तलब करेगा
-नोटिस के बावजूद वह व्यक्ति अगर रेरा के सामने पेश नहीं होता है तो रेरा उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर सकेगा
-गिरफ्तार व्यक्ति को रेरा की ओर से सिविल जेल भी भेजा जा सकेगा
राजस्थान रेरा की ओर से अधिसूचित किए ये नए रेगुलेशन्स उन आवंटियों के लिए भी राहत की खबर लेकर आए हैं जिनके प्रोजेक्ट्स का काम बंद हो चुका है. ये ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं जिनका रेरा रजिस्ट्रेशन लैप्स हो चुका अथवा रेरा ने ही रजिस्ट्रेशन वापस ले लिया है. इन प्रोजेक्ट्स का काम पूरा करने के लिए इन रेगुलेशंस में विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की गई है. अब तक ऐसे मामलों में प्रक्रिया निर्धारित नहीं थी. आपको बताते हैं किस प्रकार बंद प्रोजेक्ट्स का काम पूरा किया जा सकेगा.
कैसे होगा बंद प्रोजेक्ट्स का काम पूरा!
- रेरा की ओर से ऐसे बंद प्रोजेक्ट के लिए पहले सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी
-आवंटियों सहित अन्य हित धारकों से प्रोजेक्ट को लेकर दावे प्राप्त किए जाएंगे
-यह सार्वजनिक सूचना जारी करने के 30 दिन बाद रेरा प्रमोटर से प्रोजेक्ट की जानकारी मांगेगा
-अगर प्रमोटर रेरा को जानकारी उपलब्ध नहीं कराता है तो रेरा उसे 15 दिन का रिमाइंडर जारी करेगा
-इसके बाद भी जानकारी नहीं मिलती है तो रेरा के रजिस्ट्रार रेरा में उपलब्ध रिकॉर्ड से यह जानकारी जुटाएंगे
-बंद प्रोजेक्ट में कितना काम है बाकी और कितने धन की आवश्यकता है
-इसको लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए रेरा विभिन्न फर्मों से निविदा मांगेगा
-इस रिपोर्ट के आधार पर प्रोजेक्ट का काम पूरा करने के लिए सबसे पहले आवंटियों की एसोसिएशन से योजना मांगी जाएगी
-अगर एसोसिएशन ऐसी कोई योजना नहीं देती है या फिर दी गई योजना को रेरा उपयुक्त नहीं मानता है
-तो रेरा के पास प्रोजेक्ट पूरा करने के सरकारी एजेंसी अथवा प्राइवेट एजेंसी से प्रोजेक्ट पूरा कराने का विकल्प होगा
-प्राइवेट एजेंसी को काम देने से के लिए रेरा की ओर से निविदा जारी की जाएगी
-चयनित प्राइवेट एजेंसी से प्रोजेक्ट का काम पूरा कराया जाएगा
-अधूरा काम पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट का फिर नए सिरे से रेरा में रजिस्ट्रेशन होगा