जयपुर: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष (Punjab Congress Chief) नियुक्त किया है. पंजाब के घटनाक्रम में गांधी परिवार में एक और पावर सेंटर' प्रियंका गांधी का उदय हुआ है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री रखते हुए वस्तुत: सिद्धू प्रियंका की पसंद हैं. हालांकि राहुल भी कैप्टन-सिद्धू की 'डील' में शामिल थे. लेकिन प्रियंका का 'रोल' ज्यादा सक्रिय रहा है. क्योंकि पंजाब में आलाकमान की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई थी और इसे सुरक्षित रखने के लिए सिद्धू को पीसीसी चीफ बनाना ही था.
अब हर किसी की निगाहें राजस्थान पर टीकी:
अलबत्ता सिद्धू को 'बैलेंस' करने के लिए आलाकमान ने चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए हैं. अब हर किसी की निगाहें राजस्थान पर टीकी हुई है. क्योंकि यहां भी पायलट की 'घर वापसी' में प्रियंका की मुख्य भूमिका थी. इसलिए अब अगले पांच-सात दिनों में राजस्थान का मामला भी 'टेक अप' हो सकता है. राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल दो उपचुनावों के बाद सितंबर के आस पास ही होगा.
सिद्धू को ताज तो मिल गया लेकिन वो कांटो भरा:
वहीं कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन की आपत्तियों की अनदेखी करते हुए सिद्धू को नया प्रदेश अधयक्ष नियुक्त कर दिया है. सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं. संगत सिंह गिलजियां, कुलजीत नागरा, सुखविंदर सिंह डैनी और पवन गोयल सिद्धू के चार नए साथी होंगे. सिद्धू को ताज तो मिल गया लेकिन वो कांटो भरा है क्योंकि कैप्टन, पार्टी के कई विधायक और कुछ सीनियर पार्टी नेता उनसे नाराज है. यही नाराजगी चुनावों में पार्टी की तबीयत नासाज भी कर सकती है.