VIDEO: 27 सालों से कागजों में बंद सड़क उतरेगी धरातल पर, शहर के दक्षिणी इलाके को सीधे आगरा रोड से जोड़ेगी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: पिछले 27 वर्षों से कागजों में चली आ रही ऐसी सड़क जो शहर के पूर्वी इलाके को दक्षिणी इलाके से सीधा जोड़ेगी,उसके निर्माण के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण ने अब जाकर कवायद शुरू की है. 

जयपुर विकास प्राधिकरण ने वर्ष 1996 में शहर के दक्षिणी इलाके को पूर्वी इलाके से सीधा जोड़ने के लिए बस्सी जगतपुरा लिंक रोड का प्रस्ताव बनाया था. जयपुर शहर के पिछले मास्टर प्लान और मौजूदा मास्टर प्लान में यह दो सौ फीट चौड़ी सड़क प्रस्तावित की गई है. वर्ष 1996 के बाद कई बार इस सड़क निर्माण के लिए जेडीए में फाइल इधर-उधर चली, लेकिन मामला भूमि अवाप्ति और अवाप्ति के बदले मुआवजा देने की ठोस प्लानिंग नहीं होने के कारण अटकता चला गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2022-23 के अपने बजट भाषण में बस्सी जगतपुरा लिंक रोड के निर्माण की घोषणा की थी. इसके बाद जेडीए ने इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के उद्देश्य से पूरी प्लानिंग की है. नए भूमि अवाप्ति अधिनियम में भूमि अवाप्ति का प्रस्ताव भी जेडीए ने जिला प्रशासन को भिजवा दिया है. आपको सबसे पहले बताते हैं कि प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का पूरा मामला क्या है?

प्रोजेक्ट के लिए यूं होगा भूमि अधिग्रहण
-जगतपुरा रेलवे ओवरब्रिज के नीचे इंदिरा गांधी नगर की तरफ रेलवे लाइन के सहारे रिंग रोड तक सड़क मौके पर बनी हुई है
-रिंग रोड से आगे 13 किलोमीटर लंबाई में बस्सी रेलवे ओवरब्रिज तक 200 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण होगा
-प्रोजेक्ट के लिए 600 फीट की चौड़ाई में भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा
-200 फीट चौड़ी सड़क के बाद बची 400 फीट चौड़ाई में अवाप्ति से प्रभावित खातेदारों को भूखंड दिए जाएंगे
-इस प्रोजेक्ट का अधिकतर हिस्सा शहर के इकोलॉजिकल जोन में आता है
-इस जोन में फार्म हाउस,रिसोर्ट आदि सीमित गतिविधियां ही अनुज्ञेय है
-यहां भूखंड के बहुत कम हिस्से में ही निर्माण किया जा सकता है
-इसी को ध्यान में रखते हुए अवाप्ति के बदले किसानों को 25 के बजाए 50% विकसित भूखंड दिए जाएंगे

जेडीए की कार्यकारी समिति की हाल ही हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अवाप्ति के मामले में हरी झंडी दी गई है. आपको बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट के लिए कितनी और किन गांवों की भूमि अवाप्त की जाएगी

-बस्सी-जगतपुरा लिंक रोड प्रोजेक्ट के लिए नौ गांवों की कुल 188.47 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की जाएगी
- ग्राम भटेसरी की 95 हजार 265 वर्गमीटर भूमि अवाप्त की जाएगी
-ग्राम हिंगोनिया की 1 लाख 27 हजार 357 वर्गमीटर,रामसिंहपुरा की 3 लाख 60 हजार 453 वर्गमीटर,
-जीतावाला की 3 लाख 23 हजार 864 वर्गमीटर,रामसर उर्फ मालावाला की 2 लाख 82 हजार 903 वर्गमीटर,
-भादसर उर्फ इसरवाला की 3 लाख 13 हजार 954 वर्गमीटर,मानसर खेड़ी की 1 लाख 74 हजार 347 वर्गमीटर
-और ग्राम बस्सी की 2 लाख 6 हजार 592 वर्गमीटर भूमि अधिग्रहित की जाएगी
-रेलवे लाइन के सहारे 200 फीट चौड़ाई में बस्सी-जगतपुरा लिंक रोड का निर्माण होगा
-इसी सड़क के सहारे 400 फीट में भूमि अवाप्ति के मुआवजे की प्लानिंग की जाएगी

जयपुर शहर की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 27 साल पहले इस सड़क को मास्टर प्लान में प्रस्तावित किया गया था. आपको बताते हैं कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर जेडीए आयुक्त रवि जैन का क्या कहना है

"यह प्रोजेक्ट इकोलॉजिकल जोन में है. इस कारण प्रभावित खातेदारों को 50 प्रतिशत विकसित भूखंड का मुआवजा दिया जाएगा. इस मुआवजे के लिए खातेदारों से समझाइश की गई है. इसके बाद प्रोजेक्ट की प्लानिंग तैयार की है. प्रोजेक्ट के लिए जमीन मिलने के साथ ही सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा."

भले ही 1996 में प्रस्तावित इस सड़क पर अब जाकर ठोस कवायद शुरू की गई हो. लेकिन इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद शहर के जगतपुरा,महल रोड,प्रताप नगर,सांगानेर,मानसरोवर आदि इलाकों का सीधे आगरा रोड इलाके से जुड़ाव हो सकेगा. आपको बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट क्या फायदे होंगे?
इस प्रोजेक्ट ये होंगे फायदे

-वर्तमान में दक्षिणी इलाके में रहने वाले लोगों के पास आगरा रोड जाने के लिए प्रमुखतया दो विकल्प हैं
-पहला विकल्प घाट की गूणी टनल और दूसरा विकल्प खो नागोरियान से होकर जाने का है
-प्रोजेक्ट बनने के बाद आगरा रोड जाने में के लिए 10 से 12 किलोमीटर कम दूरी तय करनी पड़ेगी
-बस्सी तक आगरा रोड पर पहले वाले विभिन्न चौराहों पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी
-यातायात जाम में नहीं फंसने से वाहनों का ईधन बचेगा और लोगों की यात्रा सुगम होगी
-बस्सी तहसील के कई गांवों से श्रमिकों को रोजगार के लिए रोजाना दक्षिणी भाग में जाना पड़ता है
-अन्य लोगों के साथ इन हजारों श्रमिकों के आवागमन में लगने वाले समय में आधे से एक घंटे की बचत होगी
-सीधी कनेक्टिविटी मिलने से बतौर सेटेलाइट टाउन बस्सी के विकास में तेजी आएगी

इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 287 करोड़ रुपए आंकी गई है. मुआवजे से बची जमीन पर जेडीए फार्म हाउस या रिसोर्ट के लिए भूखंडों की नीलामी कर सकेगा. नए भूमि अवाप्ति अधिनियम के तहत भूमि अवाप्ति के जेडीए के प्रस्ताव पर जिला कलक्टर ने उपखंड अधिकारी बस्सी को भूमि अवाप्ति अधिकारी नियुक्त किया गया है.