जयपुरः राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) ने चालकों की भारी कमी से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है. रोडवेज प्रबंधन ने अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) आधार पर 1000 से अधिक चालकों की भर्ती के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है.
राजस्थान रोडवेज के पास चालकों की भारी कमी है इस कारण बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है , अब जरूरत के अनुसार रोडवेज प्रबंधन सभी डिपो में अनुबंध के ज़रिए चालक लेने जा रहा है, यह चालक चालक पंजीकृत संस्थाओं और भूतपूर्व सैनिकों की सहकारी समितियों से ही लिए जाएंगे जिसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं ,रोडवेज अधिकारियों के अनुसार, यह कदम बस सेवाओं को नियमित और मजबूत बनाने के लिए बेहद जरूरी हो गया था. रोडवेज अधिकारियों के अनुसार चालकों की कमी के कारण कई बसें खड़ी रहती हैं. अनुबंधित चालकों से सेवाओं में सुधार होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी. पूर्व सैनिकों को भी रोजगार का मौका मिलेगा.
चालक संकट का असर
रोडवेज के बेड़े में बसें तो हैं, लेकिन चालकों की भारी कमी से कई रूटों पर सेवाएं प्रभावित.
त्योहारों और भीड़ के समय अतिरिक्त बसें चलाना मुश्किल.
ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी नियमित सेवा बाधित.
अनुबंध पर चालक लेने के लिए रोडवेज ने जो टेंडर जारी किए हैं उसकी शर्तें भी जारी कर दी गईं है जिसमे कई तरह के प्रावधान लिए गए है, रोडवेज प्रबंधन का प्रयास है कि अनुबंध पर चालक लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होनी चाइए, रोडवेज प्रबंधन का यह भी प्रयास है कि इस प्रक्रिया को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए जिससे चालकों की कमी का संकट दूर किया जा सके.
एजेंसियां और समितियां निर्धारित प्रारूप में आवेदन करेंगी.
टेंडर दस्तावेज़ में सेवा शुल्क, अनुबंध अवधि, चालक की योग्यता और वेतन तय किया गया है.
चयनित एजेंसियां रोडवेज को प्रशिक्षित और लाइसेंसधारी चालक उपलब्ध कराएंगी.
भूतपूर्व सैनिकों की सहकारी समितियों को भी शामिल किया गया है.
इससे सरकार की पूर्व सैनिक कल्याण नीति को भी बढ़ावा मिलेगा.